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धर्म-अध्यात्म
2022: नए साल की पहली अमावस्या आज, जानें शुभ मुहूर्त व्रत विधि
Teja
2 Jan 2022 5:44 AM GMT
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नया साल शुरू हो चुका है. नए साल की पहली अमावस्या 2 जनवरी यानी आज है. इस अमावस्या को पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2022) के नाम से भी जाना जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नया साल शुरू हो चुका है. नए साल की पहली अमावस्या 2 जनवरी यानी आज है. इस अमावस्या को पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2022) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन स्नान-दान का बड़ा ही महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाकर स्नान-दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिये अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है. Paush Amavasya 2019: पौष अमावस्या का क्या है धार्मिक महत्व? जानिए व्रत करने की विधि व समय
पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त
पौष, कृष्ण अमावस्या
प्रारम्भ – 03:41 ए एम, जनवरी 02
समाप्त – 12:02 ए एम, जनवरी 03
पौष अमावस्या व्रत विधि
– पौष अमावस्या पर पितरों को तर्पण करने का विशेष महत्व है. अत: इस दिन पवित्र नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें.
-तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
-पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें.
-जिन व्यक्तियों की कुंडली में पितृ दोष और संतान हीन योग उपस्थित है. उन्हें पौष अमावस्य का उपवास कर पितरों का तर्पण अवश्य करना चाहिए.
-अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ का पूजन करना चाहिए और तुलसी के पौधे की परिक्रमा करनी चाहिए.
-पौष अमावस्या का व्रत करने से पितरों को शांति मिलती है और मनुष्य की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
पौष अमावस्या का धार्मिक महत्व
ज्योतिष के अनुसार, पौष मास की अमावस्या को बहुत ही पुण्य फलदायी बताया गया है. धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन-मनन के लिए यह माह श्रेष्ठ होता है. पौष अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए उपवास रखने से न केवल पितृगण बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, पशु-पक्षी समेत भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं. पौष मास में होने वाले मौसम परिवर्तन के आधार पर आने वाले साल में होने वाली बारिश का अनुमान लगाया जा सकता है.
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