महेश पब्लिक स्कूल प्राइमरी विंग ने हर्षोल्लास से मनाया वार्षिकोत्सव
भीलवाड़ा। महेश सेवा समिति द्वारा संचालित महेश पब्लिक स्कूल प्राइमरी विंग द्वारा बड़े हर्षोल्लास व जोश के साथ वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें छात्रों द्वारा भारतीय संस्कृति पर आधारित महाकाव्य रामायण की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि संगम ग्रुप चेयरमैन रामपाल सोनी, संदीप मोटर्स चेयरमैन श्रीगोपाल राठी, नगर परिषद चेयरमैन राकेश पाठक, …
भीलवाड़ा। महेश सेवा समिति द्वारा संचालित महेश पब्लिक स्कूल प्राइमरी विंग द्वारा बड़े हर्षोल्लास व जोश के साथ वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें छात्रों द्वारा भारतीय संस्कृति पर आधारित महाकाव्य रामायण की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि संगम ग्रुप चेयरमैन रामपाल सोनी, संदीप मोटर्स चेयरमैन श्रीगोपाल राठी, नगर परिषद चेयरमैन राकेश पाठक, प्रदेशाध्यक्ष राधेश्याम चेचाणी, पूर्व अध्यक्ष कैलाश कोठारी, पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम सोमानी, अखिल भारतीय पुष्कर सेवा समिति उपाध्यक्ष अनिल बांगड़, महेश सेवा समिति के संरक्षक देवकरण गग्गड़, अध्यक्ष ओमप्रकाश नाराणीवाल, सचिव राजेंद्र कुमार कचोलिया, उपाध्यक्ष कृष्ण गोपाल जाखेटिया, सत्यनारायण मूंदड़ा, कोषाध्यक्ष राजेश बाहेती, सहसचिव प्रहलादराय हींगड़, निर्देशक व विद्यालय प्रभारी दिनेश शारदा, संचालक सदस्य ओम प्रकाश मालू, केदारमल जागेटिया, दिलीप तोषनीवाल, सुरेशचंद्र काबरा, चंद्र प्रकाश काल्या आदि उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथियों व समिति के सम्माननीय सदस्यों का स्वागत अक्षत - रोली व अपर्णा पहनाकर किया गया। पधारे हुए अतिथियों व विद्यालय की प्रधानाचार्या निधि झा भार्गव द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस आयोजन द्वारा छात्रों ने अपनी प्रतिभा का सुंदर परिचय दिया। कार्यक्रम में पधारे विशिष्ट अतिथि संगम ग्रुप चेयरमैन रामपाल सोनी ने कार्यक्रम की भूरी- भूरी प्रशंसा की और अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस रामायण कार्यक्रम के द्वारा हमें उसमे वर्णित गुणों को अपनाकर मर्यादा एवं अनुशासनपूर्वक जीवन जीना चाहिए। संदीप मोटर्स चेयरमैन गोपाल राठी ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में दर्शाये गए भरत और लक्ष्मण का चरित्र हमें लालच और सांसारिक सुखों के बजाय रिश्तो को महत्व देने के लिए प्रेरित करता है। नगर परिषद चेयरमैन राकेश पाठक ने कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राम का स्वभाव आपसी प्रेम और सम्मान जैसे मानवीय गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश नराणीवाल ने कहा कि इस कार्यक्रम को देखकर ऐसा लगा कि हमारे समक्ष सचमुच त्रेता युग के रामायण पात्र आ गए हैं साथ ही साथ हम भरत और लक्ष्मण से आपसी प्रेम, त्याग, समर्पण जैसे गुण सीखते हैं, क्योंकि ऐश्वर्य से बढ़कर रिश्ते महत्वपूर्ण होते हैं।
रामायण के इस संपूर्ण चित्रण से हमें महत्वपूर्ण शिक्षा प्राप्त हुई है। सचिव राजेंद्र कचोलिया ने कार्यक्रम की अत्यंत सराहना करते हुए कहा कि एक ओर राम का व्यक्तित्व मर्यादा और अनुशासनपूर्ण जीवन सिखाता है, वहीं दशरथ और कौशल्या की ममता और वात्सल्य, त्याग हमें एक पुत्र के प्रति प्रेम व समर्पण का भाव सिखाता है। उनके जीवन से हमें यही सीखना चाहिए कि मर्यादा और अनुशासन में रहकर हम एक अच्छे इंसान बन सकते हैं। कोषाध्यक्ष राजेश बाहेती ने कहा कि आज बच्चों के द्वारा रामायण के किरदारों को निभाते हुए देख कर प्रभु श्री राम व अन्य पात्रों की साक्षात अनुभूति हुई है और सीख भी पाई है कि अति अहंकार नाश का कारण है। बुराई कितनी भी मजबूत क्यों न हो उसका नाश निश्चित है। बुराई पर अच्छाई की ही जीत होती है।
निर्देशक व विद्यालय प्रभारी दिनेश शारदा ने कहा कि राम का स्वभाव आपसी प्रेम और सम्मान जैसे मानवीय गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। शबरी और केवट के प्रति राम का आकस्मिक प्रेम हमें सबसे समान व्यवहार करने की सीख देता है। अभिभावकों ने भी कार्यक्रम की बहुत सराहना की और कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चे अपनी संस्कृति व मूल्यों से परिचित हुए हैं भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहने चाहिए। कार्यक्रम के अंत में पधारे हुए सभी अतिथि गणों, अभिभावकों का आभार प्रकट किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया। उत्कृष्ट छात्र -छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किया विद्यालय की प्रधानाचार्या निधि झा भार्गव ने कार्यक्रम में विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
जिसमें शैक्षणिक एवं पाठ्यचर्या गतिविधियों में विद्यालय की उपलब्धियों को बताया तथा बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के द्वारा छात्रों ने अपना किरदार प्रस्तुत करने के साथ-साथ शिक्षा भी पाई है, जहां एक ओर वे भगवान राम के समान एक श्रेष्ठ नागरिक और अनुशासन पूर्ण जीवन के तरीके सीखेंगे, वहीं दूसरी ओर भगवान हनुमान से सच्ची भक्ति और समर्पिता का भाव भी ग्रहण करेंगे और माता सीता की तरह सहनशीलता का गुण सीखेंगे।
कार्यक्रम में गत वर्ष के उत्कृष्ट छात्र -छात्राओं को पाठ्य व पाठ्य सहगामी कार्य के लिए पुरस्कार भी प्रदान किया गया। रामायण में वर्णित प्रसंगों को रोचक ढंग से किया प्रस्तुत प्रधानाचार्या निधि झा ने बताया कि आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराना है। इस प्रस्तुति में कक्षा 1 से 5 तक के शत- प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने रामायण में वर्णित प्रसंगों व चरित्रों को पात्रानुकूल वेशभूषा मे बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम में हनुमान चालीसा की बड़े ही भाव - भंगिमाओं व लय - ताल के साथ प्रस्तुति दी गई जो कि कार्यक्रम में उपस्थित हर भक्त के हृदय को छू गई। साथ ही रामायण गाथा, सीता स्वयंवर, कैकई मंथरा- संवाद, राम वन गमन, केवट- प्रसंग, राम रावण युद्ध, राम का पुनः अयोध्या आगमन जैसे प्रसंगों को दर्शाया गया। साथ ही संगीतमय रामायण आरती ने उपस्थित महानुभावों को भाव - विभोर कर दिया।