जयपुर। जयपुर आभूषणों का पर्याय है और जयपुर ज्वैलरी शो (जेजेएस) कैलेंडर पर एक बहुप्रतीक्षित वार्षिक कार्यक्रम बन गया है। आभूषण उद्योग अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सहारा है क्योंकि यह रोजगार प्रदान करता है और लोगों को नौकरियां देता है। रत्न एवं आभूषण उद्योग से 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। आभूषण …
जयपुर। जयपुर आभूषणों का पर्याय है और जयपुर ज्वैलरी शो (जेजेएस) कैलेंडर पर एक बहुप्रतीक्षित वार्षिक कार्यक्रम बन गया है। आभूषण उद्योग अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सहारा है क्योंकि यह रोजगार प्रदान करता है और लोगों को नौकरियां देता है। रत्न एवं आभूषण उद्योग से 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। आभूषण उद्योग पर्यटन को भी काफी बढ़ावा देता है और "रिपीट टूरिज्म" में एक बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि विश्व भर से लोग आभूषण खरीदने के लिए जयपुर आते हैं। यह बात मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री, दीया कुमारी ने 21वें जयपुर ज्वैलरी शो के उद्घाटन के अवसर पर कही। गौरतलब है कि देश का नंबर वन बी2बी एवं बी2सी शो - ‘जयपुर ज्वलैरी शो’ अपनी पूरी भव्यता के साथ 'एमरल्ड… योर स्टोन योर स्टोरी’ थीम पर जयपुर के सीतापुरा स्थित नोवोटेल जयपुर कन्वेंशन सेंटर (जो पहले जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) था) में 22 से 25 दिसंबर 2023 तक आयोजित होने जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह काफी सराहनीय है कि जेजेएस कारीगरों, उभरते डिजाइनरों और युवा ज्वैलर्स को अवसर देता है। उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि शो को अगले स्तर पर ले जाया जाए और इसे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तरह ही अन्य देशों में शो की योजना बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जाए। उन्होंने रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए सरकार की ओर से समर्थन का भी आश्वासन दिया।
इस अवसर पर जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन, विपुल शाह विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक विषयों और आर्थिक मंदी के कारण 2023 रत्न और आभूषण उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। हालांकि, उद्योग में सुधार हुआ है और महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा रही है। जीजेईसीपीसी और ज्वैलर्स संयुक्त रूप से भारत को इस क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक केंद्र बनाने के लिए विभिन्न पहल कर रहे हैं, जैसे सूरत में डायमंड बोर्स और जयपुर में आगामी बोर्स।
जेजेएस के मानद सचिव, राजीव जैन ने इस वर्ष के जेजेएस की विशेषताओं और परंपराओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में जहां मात्र 67 बूथ थे, वहीं इस वर्ष 1100 से अधिक बूथ हैं। इस वर्ष 1100 बूथ में 659 बूथ्स पर ज्वैलरी और 318 बूथ्स पर जेमस्टोन्स प्रदर्शित की जा रही है, जबकि 58 पर अलाइड मशीनरी और 14 बूथ्स पर कॉस्ट्यूम एवं सिल्वर आर्टिकल्स और आर्टिफेक्ट्स प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इस वर्ष 6 अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शक भी हैं और 5 देशों के डेलिगेशन भी शो का हिस्सा हैं। शो में लगभग 64% बूथ डिज़ाइनर बूथ हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष शो में 50,000 से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है।
नेशनल जेम्स एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन प्रमोद डेरेवाला ने कहा कि जयपुर का रत्न एवं आभूषण उद्योग विदेशी मुद्रा आय, कर राजस्व और रोजगार सृजन के माध्यम से राज्य के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है। उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा व्यापार की एक शीर्ष संस्था, नेशनल जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया (एनजीजेसीआई) की स्थापना, भारत में आयोजित CIBJO की पहली वार्षिक कांग्रेस, बुलियन हॉलमार्किंग के लिए एसओपी का ड्राफ्ट तैयार करना आदि शामिल हैं।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में जेजेएस के चेयरमैन, विमल चंद सुराणा ने कहा कि जयपुर राजपरिवार शहर का रत्न और आभूषण उद्योग का हमेशा समर्थन मिला है। जयपुर ज्वैलरी शो एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील शो है और पिछले कुछ वर्षों में यह काफी मजबूत हुआ है।
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन, संयम मेहरा ने कहा कि यहां आभूषणों का उत्कृष्ट प्रदर्शन है और जेजेएस सभी अंतरराष्ट्रीय शो को कड़ी टक्कर दे रहा है।