रविंद्र टुटेजा ने कहा कि रियल स्टेट का काम उनका खानदानी पेशा है, लेकिन पिता जी चाहते थे कि फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाऊं। इसलिए सिनेमा इंडस्ट्री में क़दम रखा।

पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सन 1978 की बात है, उस वक्त मैं 10 साल का था। पिता जी ने फिल्म की शुरुआत भी की थी, लेकिन किसी वजह से नहीं बन पाई।
इसके बाद परिवार के लोग रियल स्टेट बिज़नेस में व्यस्त हो गये। साल 2012 में माता, पिता और पत्नी का साथ छूटने के बाद लगा कि बिज़नेस के साथ-साथ पिता के सपनों को भी साकार करना चाहिए। इसी सोच के साथ उन्होंनो मुम्बई का रुख किया।