मैंने लेकिन अब ये रियलाइज किया है कि संकोच के भाव की वजह से हम कई सारे आनंदों से वंछित रह जाते हैं. इसलिए इस साल मैंने डिसाइड किया है कि मैं वो सब चीजें एक बार तो जरूर करूंगी और उस थ्रिल को फील करना चाहती हूं. मुझे अब फर्क नहीं पड़ता कि कौन मेरे बारे में क्या कह रहा है. बस मैं 100 पर्सेंट फन लेना चाहता हूं