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चीन के खिलाफ एकजुट दुनिया, ड्रैगन को पछाड़ने के लिए भारत जैसे देश अमेरिका के साथ: माइक पोंपियो

Janta se Rishta
2 Sep 2020 1:33 PM GMT
चीन के खिलाफ एकजुट दुनिया, ड्रैगन को पछाड़ने के लिए भारत जैसे देश अमेरिका के साथ: माइक पोंपियो
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वाशिंगटन,अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि दुनिया चीन की चालबाजी से तंग आ चुकी है और उसके खिलाफ एकजुट होने लगी है। हर मोर्चे पर चीन को मात देने के लिए भारत, आस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश अमेरिका से हाथ मिला रहे हैं।

ड्रैगन को पछाड़ने के लिए भारत, आस्ट्रेलिया, जापान जैसे देश अमेरिका के साथ

फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में पोंपियो ने कहा, 'पूरी दुनिया को यह बात समझ में आ गई कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी साफ-सुथरे, पारस्परिक और पारदर्शी तरीके से प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि भारत, आस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे हमारे मित्र देश अपने लिए खतरा महसूस कर रहे हैं। ये सभी देश चीन को पछाड़ने के लिए अमेरिका के साथ खड़े होंगे।'

कई देशों ने हुआवे से मुंह मोड़ लिया

चीन से खतरे के मद्देनजर भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते को लेकर पूछे गए एक सवाल पर पोंपियो ने कहा कि इस लड़ाई में हम दोस्त और सहयोगी हैं। इस पर हम दो साल से काम कर रहे हैं और काफी प्रगति भी हुई है। आपने खुद देखा कि कई देशों ने हुआवे से मुंह मोड़ लिया है। इन देशों ने खुद खतरे की बात मानी। अमेरिका खुद दो दशक तक इस खतरे से आंखें मूंदे रहा।

विदेश मंत्री ने कहा- ड्रैगन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना स्वायत्त क्षेत्र मानता है

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि ड्रैगन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर को अपना स्वायत्त क्षेत्र मानता है। वह इस क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर सैन्यीकरण कर करा है। इस क्षेत्र में ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी अपना-अपना दावा करते हैं।

अमेरिका ने चीन के दावे को किया खारिज, 21वीं सदी में चीन की हिंसक सोच के लिए जगह नहीं

भारत अपने इस रुख पर कायम है कि अंतरराष्ट्रीय जलमार्गो पर आवाजाही की स्वतंत्रता कायम रहनी चाहिए। अमेरिका ने साफ शब्दों में चीन के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 21वीं सदी में चीन की हिंसक सोच के लिए कोई जगह नहीं है।

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