विज्ञान

क्या बाकी वायरस की तरह कोरोना से भी लड़ना सीख जाएगा मनुष्य का शरीर ?

Janta se Rishta
13 Sep 2020 3:06 PM GMT
क्या बाकी वायरस की तरह कोरोना से भी लड़ना सीख जाएगा मनुष्य का शरीर ?
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कई लोग और यहां तक कि मीडिया रिपोर्ट्स कोरोना वायरस यानी COVID-19 को जानलेवा वायरस बता रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों में घबराहट और डर पैदा हो गया है। अगर आपको याद हो तो पूरी दुनिया में साल 2009 में स्वाइन फ्लू माहमारी की तरह फैला था। CDPC के मुताबिक, साल 2009 और 2010 के बीच, H1N1 वायरस ने दुनियाभर में 140 करोड़ लोगों को प्रभावित किया था, जबकि इस संक्रमण से करीब 5 लाख से ज़्यादा लोगों की जान गई थी।

डॉक्टर्स का भी कहना है कि स्वाइन फ्लू ने सभी को साल 2009 में प्रभावित किया था, लेकिन आज हम इससे जुड़े मामलों के बारे में नहीं सुनते हैं क्योंकि पिछले कुछ समय में कई लोगों ने इसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण कर लिया है। हालांकि, COVID-19 से संबंधित चिंता जायज़ है क्योंकि जिस तरह से ये वायरस फैल रहा है, हमें इसे नियंत्रित करने के लिए तत्काल उपाय करने होंगे।

कुछ नई रिपोर्ट्स ऐसी भी हैं जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ कुछ लोगों की इम्यूनिटी बन गई है, हालांकि अभी इस दावे को साबित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। दुनिया के करीब 145 देश इस माहमारी को झेल रहे हैं, ऐसे में ये संक्रमण उन लोगों के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है जिनकी उम्र 60 साल से ज़्यादा है और जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं।

डॉक्टर्स का मानना है कि हमारा शरीर प्रतिरक्षा स्मृति के माध्यम से प्रतिरक्षा विकसित करता है, जो तब विकसित होती है जब हम पहले एक निश्चित वायरस के संपर्क में आ जाते हैं। हालांकि, ये यकीन के साथ नहीं कहा जा सकता कि प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस के खिलाफ एक समान तरीके से प्रतिक्रिया देगी।

आइसोलेशन है बेस्ट उपाय

डॉक्टर्स का मानना है कि यह वायरस घातक नहीं है। यह एक फ्लू वायरस है। इस वायरस की एकमात्र समस्या यह है कि ये इस वक्त अत्यधिक संक्रामक और इसका संक्रामक दर सामान्य फ्लू वायरस से दस गुना अधिक है। यही चिंता का विषय है।

यदि आप मृत्यु दर को देखें, तो ये सिर्फ 2.5 से 3 प्रतिशत है, वह भी बुज़ुर्ग रोगियों में, जिनकी उम्र 60 या 70 है। वो भी ऐसे लोग जो पहले से डायबिटीज़, दिल या कैंसर जैसी बीमारी के मरीज़ थें। इसलिए, सभी असुरक्षित नहीं हैं। 80-85 प्रतिशत लोगों में हल्का इंफेक्शन देखा गया है। जो जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। उन्हें सिर्फ आइसोलेशन और घर पर आराम करने की ज़रूरत है।

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