छत्तीसगढ़

15 साल सत्ता के बाद हमारी ऐसी दुर्गति क्यों, चिंतन की जरूरत: उपासने

Janta se Rishta
17 Aug 2020 6:22 AM GMT
15 साल सत्ता के बाद हमारी ऐसी दुर्गति क्यों, चिंतन की जरूरत: उपासने
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जनसंघ की पहचान थी कि जो कार्यकर्ता काम करते थे उन्हें महत्व मिलता था
रायपुर (जसेरि)।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अपने दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे हुए है। इसी बीच प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने बड़ा बयान देते हुए संघ और पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर नाराजगी जताई है. उपासने ने कहा कि 15 साल सरकार में रहने के बाद हमारी स्थिति ऐसी क्यों बनी है ? इस पर चिंतन करने की जरूरत है।
उन्होंने सलाह दी है कि निर्णय की प्रक्रिया में ज्यादा लोगों को शामिल किया जाए. तभी स्वस्थ और अच्छा निर्णय हो पाएगा। सच्चिदानंद उपासने ने वीडियो जारी कर कहा कि यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है कि 15 साल के शासन में बहुत सारे दुर्गुण हममें आए. उसका दुष्परिणाम व्यक्ति को नहीं हुआ बल्कि पार्टी को विचारधारा को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि संघ के सरसंघचालक रायपुर में है, ऐसे में हमें चिंता करने की जरूरत है कि हमारी ऐसी हालत क्यों हुई ? 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद हम इस स्थिति में क्यों आए हैं ? हमारे धारदार नेतृत्व में कहीं ना कहीं रोक लगी है। हम निर्णय कर पाने में देरी क्यों कर रहे हैं ? उपासने ने कहा कि हम बैठकर आपस में संवाद करें। निर्णय में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करें। तभी स्वस्थ निर्णय, अच्छा निर्णय होगा। जनसंघ की पहचान थी कि जो कार्यकर्ता काम करते थे उन्हें महत्व मिलता था।
उन्होंने कहा कि पराक्रम और परिश्रम को महत्व मिलता था, लेकिन जब से परिक्रमा को महत्व मिलने लगा उस दिन से हमारा पतन होने लगता है। छत्तीसगढ़ में हमें सरकार विरासत में नहीं मिली थी. कांग्रेस के गढ़ को तोड़कर सत्ता पाई थी। हजारों कार्यकर्ता मान अपमान सहा, जेल गए, हत्या हुई, तब जाकर सरकार मिली। अभी वक्त है हमारे निष्ठावान कार्यकर्ता उत्साहित हैं। कोई उसे प्यार करे, स्नेह करे, उसकी पीठ पर हाथ रखे, वह पद का भूखा नहीं है स्नेह का भूखा है. यदि उन्हें अपना कर चलें तो 15 साल की पहचान फिर से वापस पा सकते हैं।

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