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आखिर क्यों चंद्रमा से बर्फ,धूल और मिट्टी खरीदना चाहता है नासा, जानें
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नासा के चंद्रमा को लेकर महत्वाकांक्षी अभियानों से सभी परिचित हैं. उसकी योजना में चंद्रमा पर पहली महिला भेजने के साथ ही लंबे समय तक इंसान को ठहराने की है. हाल ही में नासा ने चंद्रमा पर उत्खनन (Mining) के लिए निजी कंपनियों (private companies) को भुगतान करने के लिए प्रयासों की शुरुआत की और घोषणा करते हुए कहा कि वह चंद्रमा से पत्थर, धूल और अन्य सामग्री खरीदना चाहता है. इसके लिए एजेंसी ने निजी क्षेत्र से इसके लिए उत्खनन की भी अपील की.
1967 समझौते का नहीं होगा उल्लंघन
नासा के प्रशासन जिम ब्रिडेनस्टीन ने एक ब्लॉग पोस्ट घोषणा का जिक्र करते हुए कहा कि उसकी योजनाएं 1967 के समझौते का उल्लंघन नहीं करेंगी. जिसके मुताबिक खगोलीय पिंड और अंतरिक्ष राष्ट्रीय अधिकार के दावों से मुक्त रहेंगे. इस प्रयास में उन कंपनियों के बारे में चर्चा की गई है जो चंद्रमा पर संसाधनों का उत्खनन करने कि लिए रोबोट भेजने की योजना बना रहे हैं.
भविष्य के अभियानों को मिलेगी सहायता
यह नासा के उन लक्ष्यों का हिस्सा है जिसे ब्रिडेनस्टीन अंतरिक्ष में ‘नॉर्म्स ऑफ बिहेवियर’ कहते हैं. इससे चंद्रमा पर निजी उत्खनन को इजाजत मिलेगी जिससे भविष्य में अंतरिक्ष यात्रा संबंधी अभियानों में मदद मिल सके. नासा का कहना है कि वह उत्खनन वाले संसाधनों को कंपनी की सम्पत्ति के तौर पर देखती है और उन्हें खरीदने के बाद वे नासा की संपत्ति हो जाएंगे.
चंद्रमा को लेकर यह है नासा की योजना
नासा के आर्टिमिस कार्यक्रम के तहत ही अमेरिका साल 2024 तक चंद्रमा पर पहली महिला और एक पुरुष को भेजने की तैयारी कर रहा है. इसे नासा के मंगल पर पहला इंसान भेजने के महत्वाकांक्षी अभियान की भूमिका माना जा रहा है.
ऐसा हो सकता है यह साबित करना है
एक अंतरिक्ष नीति संस्था सिक्योर वर्ल्ड फाउंडेशन के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ब्रिडेस्टीन ने कहा, “ असल बात ये है कि यह जताने के लिए कि यह मुमकिन है, हम चंद्रमा की कुछ मिट्टी को खरीदने जा रहे हैं.” ब्रिडेनस्टीन ने कहा कि नासा बर्फ और दूसरे पदार्थों की तरह के और संसाधनों को खरीदेगा जो चंद्रमा पर खोजे जा सकते हैं.
इस समझौते की दिशा में काम
नासा ने इसी साल मई के महीने में चर्चित आर्टिमिस समझौता जारी किया था जो उसके अनुसार चंद्रमा पर अन्वेषण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि का रूप लेगा. इसमें नासा ने उस सभी आधारभूत सिद्धांतों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया था जो इंसान को चंद्रमा पर रहने और काम करने के नियामक के तौर पर काम कर सकते हैं.
कंपनियों का उत्पाद होगा संसाधन
इसमें कंपनियां चंद्रमा के संसाधनों को उत्खनन करने से उन पर मालिकना बर्ताव कर सकेंगी. यह इस संधि का अहम हिस्सा माना जा रहा है जिसे नासा के कॉन्ट्रैक्टर्स चंद्रमा की बर्फ का रॉकेट के ईंधन में बदल सकेंगे या चंद्रमा के पदार्थों से लॉन्चिंग पैड का निर्माण कर सकेंगे.
चंद्रमा (Moon) पर बहुत बर्फ (Ice) के अलावा बहुत सी कीमती धातुएं (Metlas) पाई जाती हैं. (फाइल फोटो)
कंपनियों से मांगा गया प्रस्ताव
इतना ही नहीं नासा ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि वह सीमित मात्रा में चंद्रमा के संसाधन खरीदेगा और कंपनियों से अपने प्रस्ताव देने को भी कहा है. समझौते के मुताबिक चंद्रमा पर पत्थर और धूल का उत्खनन करने वाली कंपनी उसे बिना पृथ्वी पर लाए ही नासा को बेच सकेगी.
लंबे समय के लिए अहम कदम
नासा के अंतरराष्ट्रीय संबंध प्रमुख माइक गोल्ड ने कहा कि यह अंतरिक्ष संसाधनों के लिए एक छोटा सा कदम है, लेकिन नीति के लिहाज से एक लंबी छलांग है. गौरतलब है कि अंतरिक्ष खास तौर पर चंद्रमा को लेकर निजी क्षेत्र की सक्रियता नासा की अब आवश्यकता बनने वाली है. नासा ने पहले ही अंतरिक्ष प्रक्षेपण के कार्य को निजी क्षेत्र को सौंप दिया है. अब नासा अन्य शोधकार्य में अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता है.