विज्ञान

अंतरिक्ष में चूहा भेजने के पीछे क्या था वैज्ञानिकों उद्देश्य... रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी

Janta se Rishta
10 Sep 2020 9:10 AM GMT
अंतरिक्ष में चूहा भेजने के पीछे क्या था वैज्ञानिकों उद्देश्य... रिसर्च में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वैज्ञानिक नित नई-नई तरह की रिसर्च करते रहते हैं। अंतरिक्ष में नई तरह की रिसर्च करना और उसके परिणाम शेयर करना अपने आप में खास होता है। कुछ माह पहले वैज्ञानिकों ने चूहों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भेजा था। इन चूहों को वहां भेजने के पीछे उनका उद्देश्य ये था कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान इनकी हड्डियों और मांसपेशियों पर क्या असर पड़ेगा? वो इसका अध्ययन करना चाहते थे।

अध्ययन के दौरान कई खास तरह की जानकारियां सामने आईं। वैज्ञानिक ये भी जानना चाहते थे कि अंतरिक्ष यात्रियों के लंबे मिशनों के दौरान उनकी हड्डियों और मांसपेशियों को होने वाली क्षति को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। मंगल मिशन जैसे अभियानों के लिए अंतरिक्ष यात्री एक लंबा वक्त वहां बिताते हैं। इस प्रयोग से मिली जानकारियां व्हील चेयर और बिस्तर पर लंबा समय बिताने वाले मरीजों के लिए भी काम आएंगी।

अंतरिक्ष में ताकतवर हो गए मोडिफाइड चूहे

कनेक्टिकट के जैक्सन लेबोरेट्री की रिसर्च टीम ने डॉक्टर से जिन ली के नेतृत्व में यह प्रयोग किया। इसके लिए 40 काली मादा चूहों को बीते साल दिसंबर में स्पेसएक्स के रॉकेट के सहारे अंतरिक्ष में भेजा गया। अंतरिक्ष में नासा के तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने इन चूहों का ख्याल रखा। उन्होंने इनकी बॉडी को स्कैन किया और इंजेक्शन देते रहे। इस काम के लिए क्रिस्टीना कॉख, जेसिका मेयर और अंड्रयू मॉर्गन को रिपोर्ट के सह लेखक के रूप में शामिल किया गया है। प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक पेपर में इस प्रयोग की जानकारी दी गई है।

इसमें ली ने बताया है कि 24 चूहों को नियमित रूप से कोई दवा नहीं दी गई। भारहीनता (Weightlessness)में रहने के दौरान उनकी मांसपेशियों और बोन मास में आशंका के मुताबिक ही लगभग 18 फीसदी की कमी आई। वैज्ञानिकों ने जेनेटिकली मोडिफाइड आठ चूहों को भी अंतरिक्ष में भेजा था, जिन्हें "माइटी माइस" यानी ताकतवर चूहा कहा जा है। इन ताकतवर चूहों का वजन कम नहीं हुआ और मांसपेशियां दोगुनी हो गई। इन चूहों के मांसपेशियों की तुलना अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केनेडी स्पेस सेंटर में रखे गए ताकतवर चूहों की मांसपेशियों से की गई।

दवाएं मिलने से विकसित होकर लौटे चूहे

इसके अलावा जिन आठ सामान्य चूहों को अंतरिक्ष में रख कर ताकतवर चूहों वाली दवाएं दी गईं, वे मांसपेशियों में बहुत ज्यादा विकास के साथ वापस लौटे हैं। इन चूहों में मांसपेशियों का वजन सीमित करने वाले प्रोटीनों को दवा के जरिए रोका गया था। स्पेसएक्स का कैप्सूल सभी 40 चूहों को सुरक्षित वापस ले कर आया। इन्हें पैराशुट के जरिए कैलिफोर्निया के तट पर प्रशांत सागर में उतारा गया। कुछ सामान्य चूहों को जिन्हें वापस आने के बाद "ताकतवर चूहों" वाली दवा दी गई थी उनकी मांसपेशियां दूसरे चूहों की तुलना में ज्यादा जल्दी तैयार हो गईं।

कोरोनावायरस के दौरान वैज्ञानिकों ने किया प्रयोग

वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग ऐसे दौर में पूरा किया है जब कोरोना वायरस ने अमेरिका को अपनी चपेट में लिया था। कनेक्टिकट चिल्ड्रेन्स मेडिकल सेंटर की डॉक्टर एमिली जरमैन ली भी इस प्रयोग में शामिल थीं और वे डॉक्टर जिन ली की पत्नी हैं। डॉ एमिली ने बताया कि कोविड का सिर्फ एक ही फायदा ये हुआ है कि हमें पास व्यापक तौर पर रिपोर्ट लिखने के लिए बहुत समय मिला। दोनों वैज्ञानिक यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट से जुड़े हुए हैं।

खोज से उत्साहित ली दंपति का कहना है कि अभी इंसानों पर इस दवा का परीक्षण करने के लिए बहुत प्रयोगों की जरूरत है। ऐसा करने के बाद ही इंसानों में बिना किसी गंभीर साइड इफेक्ट के मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकेगा। जरमैन ली का कहना है कि हम अभी सालों दूर हैं, लेकिन हर चीज ऐसे ही होती है जब आप रिसर्च को चूहों से इंसानों पर ले जाते हैं। ली का कहना है कि दूसरे मॉलिक्यूल्स की ओर भी प्रयोग में कुछ ऐसे संकेत मिले हैं जिनका परीक्षण अहम है। उनका अगला कदम होगा और ज्यादा "ताकतवर चूहों" को ज्यादा लंबे समय के लिए अंतरिक्ष में भेजना।

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