माओवादी सेंट्रल कमेटी के पूर्व मुखिया गणपति के आत्मसमर्पण की चल रही चर्चा...

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जगदलपुर। नक्सलियों के शीर्ष नेता और माओवादी सेंट्रल कमेटी के पूर्व मुखिया कुख्यात गणपति उर्फ लक्ष्मण राव के आत्मसमर्पण की चर्चा है। बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने बताया कि उन्हें भी ऐसी सूचना मिली है। हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। बस्तर पुलिस लगातार आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिशा पुलिस के संपर्क में है। बता दें कि तेलंगाना के करीमनगर जिले के सारंगपुर निवासी गणपति 30 साल से माओवादी आंदोलन में सक्रिय है।
घने जंगलों में डेरा बना रखा है 80 साल के गणपति ने : वह लंबे समय तक माओवादियों की सेंट्रल कमेटी का सचिव रहा। वर्ष 2018 में स्वास्थ्यगत कारणों से उसने इस्तीफा दे दिया था। उसकी उम्र करीब 80 साल है। उस पर 36 लाख रपये का इनाम घोषित है। माना जाता है कि गणपति अबूझमाड़ के घने जंगलों में वर्षो से कहीं दुबका हुआ है। काफी कम लोगों ने ही उसे सार्वजनिक रूप से देखा है। गणपति का नाम माओवादी विचारधारा को खूनी रास्ते पर ले जाने वाले शीर्ष रणनीतिकारों में शुमार किया जाता है। यदि गणपति का आत्मसमर्पण सही साबित होता है तो यह दंडकारण्य के नक्सल आंदोलन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा।
खत्म हो रहा नक्सली नेतृत्व : बीते कुछ वर्षो में नक्सलियों के कई शीर्ष नेता या तो मारे जा चुके हैं या गिरफ्तार हो चुके हैं। कुछ महीने पहले दंडकारण्य के शीर्ष नक्सली रमन्ना की मौत हो चुकी है। ऐसे में अब नक्सली आंदोलन के बिखरने की परिस्थितियां बनती जा रही हैं। गणपति यानी मुपल्ला लक्ष्मण राव, ऊर्फ गणपति ऊर्फ लक्ष्मण राव, ऊर्फ राजि रेड्डी, ऊर्फ श्रीनिवास राव। मूतल: आंध्रप्रदेश के करीमनगर का रहने वाला है। पुलिस के पास उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार साइंस स्नातक गणपति बीएड के बाद शिक्षक बना, लेकिन बाद में नक्सली संगठन से जुड़ गया।
1977 में पकड़ा गया था : गणपति को 1977 में पहली बार उसे पकड़ा गया था। 1979 में वह जमानत पर रिहा हुआ, उसके बाद से कभी पुलिस के हाथ नहीं आया। देश में सक्रिय नक्सली संगठनों के गठजोड़ से 2004 में सीपीआई (माओवादी) खड़ी हुई है। गणपति को उसी साल इसकी केंद्रीय कमेटी का महासचिव बनाया गया था।
गणपति है गंभीर रूप से बीमार : केंद्रीय व आंधप्रदेश की खुफिया एजेंसियों के हवाले से मिली खबरों के अनुसार गणपति गंभीर रूप से बीमार है। उसकी किडनी खराब हो गई है। उसके घुटने में दिक्कत है। शुगर और बीपी की भी शिकायत है। फिलहाल उसकी स्थिति चलने-फिरने की नहीं है। लंबे समय से संगठन की गतिविधियों से भी वह दूर है। इसी वजह से केंद्रीय कमेटी में दूसरे नंबर के सदस्य नंबाला केशव राव को संगठन की कमान सौंपी गई है।
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