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स्टडी रिसर्च: शरद ऋतु में पैदा होने वाले बच्चों को होती है अस्थमा,एलर्जी संबंधी ज्यादा समस्या

Janta se Rishta
13 Sep 2020 10:02 AM GMT
स्टडी रिसर्च: शरद ऋतु में पैदा होने वाले बच्चों को होती है अस्थमा,एलर्जी संबंधी ज्यादा समस्या
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हाल ही में हुई एक स्टडी में पता चला कि जो बच्चे शरद ऋतु के समय पैदा होते हैं, उन्हें अस्थमा, खाने से एलर्जी और त्वचा संबंधी जैसी समस्याएं ज्यादा होती हैं। स्टडी के मुताबिक, ब्रिटेन दुनिया में सबसे ज्यादा एलर्जी से प्रभावित देश है। जहां बीस लोगों में से एक व्यक्ति में एलर्जी की समस्या पाई गई।

डेनवर के एक अस्पताल में रिसर्च कर रही, डॉ. जेसिका हुई बताती हैं कि हमने अपने क्लिनिक में जिन बच्चों का इलाज किया, उनमें हमने देखा कि जो शरद ऋतु के समय पैदा हुए, उनमें एलर्जी से जुड़ी समस्याओं की संभावना ज्यादा थी।
आगे वो बताती हैं कि हम इस बारे में पता लगा रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और हम ऐसा मानते हैं कि यह त्वचा पर बैक्टीरिया के कारण होता है।

अधिकांश एलर्जी पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों का मानना है कि बचपन में त्वचा सूखी या चटक सी जाती है। तब एलर्जी श्रृंखला वहां से बनना शुरू होती है। जिसे हम ऐटोपिक मार्च कहते हैं।

वहीं यूके में पांच में से एक बच्चा खुजसी से प्रभावित रहता है। जिससे त्वचा रूखी सूखी और चटक सी जाती है और जगह जगह पर लाल भी हो जाती है।

ऐसा पाया गया है, कि जो बच्चे खुजली से पीड़ित होते हैं, उन बच्चों की त्वचा पर हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जिन्हें स्टैफ ऑरियर बोलते हैं, जो त्वचा में एलर्जी और रोग पैदा करने विषाणुओं को बाहर रखने की क्षमता को कम करता है।

डॉ. जेसिका कहती है कि अगर हम बच्चे के गर्भ के बाहर होने के ठीक बाद अपना उपचार शुरू कर दें, यानि ऐटोपिक मार्च के विकास को शुरूआत में रोक दिया जाए जो ये एक तरीका हो सकता है एलर्जी से बच्चों को बचाने का।

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