विज्ञान

वैज्ञानिकों ने पता लगाया...पहली बार ऐसे ग्रह मिला जो 'मृत तारे' का काट रहा चक्कर, WD 1856 b पर 1.4 दिन का होता है एक साल

Janta se Rishta
18 Sep 2020 3:22 PM GMT
वैज्ञानिकों ने पता लगाया...पहली बार ऐसे ग्रह मिला जो मृत तारे का काट रहा चक्कर, WD 1856 b पर 1.4 दिन का होता है एक साल
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने पहली बार बृहस्पति (Jupiter) के आकार के एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जो पृथ्वी से लगभग 80 प्रकाश वर्ष दूर एक सफेद और छोटे या मृत तारे (White Dwarf Star) के चक्कर लगा रहा है। इस खोज से संबंधित खबर ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इस ग्रह को WD 1856 b नाम दिया गया है। जिस तरह का यह सितारा है उससे यह सवाल वैज्ञानिकों के सामने है कि कैसे यह ग्रह बचा रहा।

1.4 दिन का एक साल
यह हर 34 घंटे में छोटे तारे का चक्कर लगा रहा है। अमेरिका के कंसास विश्वविद्यालय के सहायक प्रफेसर इयन क्रॉसफील्ड ने बताया है, 'यह ग्रह लगभग बृहस्पति के आकार का है, लेकिन इसकी परिक्रमा अवधि बहुत कम है और इस ग्रह पर एक वर्ष केवल 1.4 दिन का होता है।' क्रॉसफील्ड ने कहा, 'इस खोज से पता चलता है कि श्वेत छोटे तारों के भी अपने ग्रह हो सकते हैं जिसके बारे में अब तक हमें जानकारी नहीं थी।'


सितारे से बड़ा है ग्रह
White Dwarf Star ऐसे सितारे का अवशेष होता है जो पहले Red Giant में तब्दील हुआ और फिर पृथ्वी के आकार के घने Core में समा गया। यह ग्रह सितारे से कहीं ज्यादा बड़ा है। आमतौर पर जैसे यह सितारा मरा है, वैसा होने पर उसके आसपास के ग्रह भी खत्म हो जाते हैं लेकिन WD 1856 b के साथ ऐसा नहीं हुआ। क्रॉसफील्ड का कहना है कि लोग White Dwarf Star के चक्कर लगा रहे ग्रहों को खोज रहे हैं जहां जीवन की उम्मीद हो। यह काफी अजीब है और यह रहस्य है कि कैसे यह ग्रह अभी तक बचा रहा।

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