रायपुर : अवैध शराब बेचने नई तरकीब, नाबालिगों से करवा रहे होम डिलीवरी

रायपुर (जसेरि)। राजधानी के बर्नीपारा इलाके में एक बार फिर से अवैध शराब कारोबारियों का आतंक बढ़ते जा रहा हैं। लोगों को शराब का लालच दिखाकर उन्हें महंगे दामों में शराब पिलाते हैं। राजधानी में शराब ठेकेदारों की सह पर कई लोग अवैध रूप से शराब का धंधा अपने स्तर पर बढ़ाते जा रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों में शराब पीने की लत भी बढ़ती जा रही हैं। रायपुर जैसे शहर में शराब मिलना आम बात है मगर अवैध रूप से और महंगे दामों में बिकना एक अलग बात हैं। लॉकडाउन में अवैध शराब के कारोबारियों की एक दिन की आमदनी करोड़ों में होती हैं। उसमें भी अगर सरकार को टैक्स दे दिया जाये तो भी उनकी जेब में काफी पैसा बच जाता हैं। शराब के काले धंधे में बहुत से लोग अपना किस्मत आजमाते हैं और उनकी चांदी-चांदी हो जाती हैं। राजधानी में शराब बेचना मना तो नहीं है मगर अवैध रूप से बेचना मना हैं। मगर कुछ लोग इस आदेश की अवहेलना करते है और शराब बेचते हैं। राजधानी में बढ़ते जा रहे अपराधों को रोकने के लिए पुलिस के बहुत से अभियान चल ही रहे हैं। मगर इन सभी मुद्दों से हटकर एक बात पता चली है कि जो भी अपराध आज के समय में हो रहे हैं चाहे वो अवैध शराब बिक्री हो या फिर चोरी हो या फिर लूट हो या फिर बलवा हो या फिर हत्या हो इन सभी मामलों में आरोपी कोई भी हो मगर उन आरोपियों में एक न एक नाबालिग शामिल होते ही हैं। आज के समय में इतने सारे मामले अपराध के आते हैं खुलासे भी होते हैं मगर असलियत तब पता चलती है जब उसमें किसी नाबालिग के होने की घटना सामने आती हैं। रायपुर के पुराने और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अपने गुर्गों की मदद से नाबालिगों को नशे का आदि बनाकर अपने पास रखे हथियारों को देकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल करते जा रहे हैं जो कि पूरी राजधानी को खोखला बनाती जा रही हैं। इस तरह के गिरोह को संभालने वाले लोग बहुत शातिर दिमाग के होते हैं। और लोगों में अपनी खौफ बढ़ाने के लिए अपने गुर्गों से लोगों की हत्या और लूट जैसी वारदात को अंजाम दिलाते हैं। लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें बंद थी। मगर उसी लॉकडाउन में सबसे ज्यादा शराब बिक्री हुई हैं। लेकिन अवैध शराब अंग्रेजी की ब्रांड शराब का जखीरा शहर के विभिन्न इलाकों में पहुंचता था और भारी दामों में बिकता था। शराब की पेटियों को ग्रामीण इलाकों में रखा जाता था। हर दिन डिमांड के हिसाब से इसकी आपूर्ति शहर में कराई जा रही है। लेकिन हैरतवाली बात है कि इतनी बड़ी मात्रा में रोज अवैध रूप से शराब बेची जा रही है। शराब बनाने वाली कंपनियों और आबकारी के गोदामों से इन शराब की खेप निकल रही है, जिसे यहां के शराब माफिया ने भारी पैमाने पर ठिकाने भी लगा दिया है। शहर की पॉश और प्रमुख बस्तियों के साथ होटल, ढाबे में भी इसकी सप्लाई हो रही है। अंग्रेजी ब्रांड की शराब की फोटो वॉट्सएप नंबर पर भेजी जाती है। इसके बाद तय रेट से अधिक वसूलने की सौदेबाजी शुरू होती है। आखिरकार शराब पीने की तलब मिटाने के लिए 500 रुपये की बोतल दो से तीन हजार रुपये में खरीद रहे हैं। वहीं पुलिस भी सब कुछ जानकर भी अनजान बनी हुई है। शराब की अवैध बिक्री को लॉकडाउन के दौरान जारी रखने के लिए शराब माफियाओं से सांठगांठ करने की सूचना मिल रही है। वॉट्सएप कॉलिंग से तय हो रहे शराब खरीदी के सौदे मजेदार बात है कि अवैध शराब बेचने का काम बड़े ही गुपचुप तरीके से किया जाता है।
छोटे-छोटे गैंग दादागिरी कर नाबालिगों को अपराधिक गतिविधियों में कर रहे है शामिल
राजधानी में बढ़ते जा रहे अपराधों को रोकने के लिए पुलिस के बहुत से अभियान चल ही रहे हैं। मगर इन सभी मुद्दों से हटकर एक बात पता चली है कि जो भी अपराध आज के समय में हो रहे हैं चाहे वो चोरी हो या फिर लूट हो या फिर बलवा हो या फिर हत्या हो इन सभी मामलों में आरोपी कोई भी हो मगर उन आरोपियों में एक न एक नाबालिग शामिल होते ही हैं। आज के समय में इतने सारे मामले अपराध के आते हैं खुलासे भी होते हैं मगर असलियत तब पता चलती है जब उसमें किसी नाबालिग के होने की घटना सामने आती हैं। रायपुर के पुराने और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अपने गुर्गों की मदद से नाबालिगों को नशे का आदि बनाकर अपने पास रखे हथियारों को देकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल करते जा रहे हैं जो कि पूरी राजधानी को खोखला बनाती जा रही हैं। इस तरह के गिरोह को संभालने वाले लोग बहुत शातिर दिमाग के होते हैं। और लोगों में अपनी खौफ बढ़ाने के लिए अपने गुर्गों से लोगों की हत्या और लूट जैसी वारदात को अंजाम दिलाते हैं।