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राष्ट्रपति ने इच्छामृत्यु की मांग को किया खारिज...व्यक्ति ने बीमारी के चलते मौत की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर दी...फिर हुआ ऐसा

Janta se Rishta
6 Sep 2020 10:12 AM GMT
राष्ट्रपति ने इच्छामृत्यु की मांग को किया खारिज...व्यक्ति ने बीमारी के चलते मौत की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर दी...फिर हुआ ऐसा
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फ्रांस के डीजोन शहर में रहने वाले 57 साल के एलेन कोक दुर्लभ बीमारी से परेशान हैं। इलाज नहीं मिलने पर उन्होंने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से इच्छामृत्यु की गुहार लगाई। लेकिन, राष्ट्रपति ने कोक की मांग खारिज कर दी। इसके बाद कोक ने खाना-पीना छोड़ दिया और शनिवार सुबह फेसबुक पर अपनी मौत का सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) भी शुरू कर दिया। लेकिन इसे दोपहर को फेसबुक ने ब्लॉक कर दिया।

अपने प्रोफाइल से लाइव स्ट्रीम फीचर ब्लॉक करने को एलेन ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधा और भेदभाव करार दिया है। एलेन कोक ने शुक्रवार रात फेसबुक पर कहा था कि 'अब मेरी मुक्ति की यात्रा शुरू होती है। मैं खुश व शांति से हूं, मैंने अपना मन बना लिया है।' उन्होंने एलान किया कि शनिवार से भोजन, पानी और दवाएं लेना बंद कर देंगे।
कोक 34 वर्ष से पाचन प्रक्रिया से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्हें ड्रिप पर रखा जाता है। पाचन तंत्र को कोलोस्टमी बैग से जोड़ा गया है। वे लगातार दर्द महसूस करते हैं। कोक ने कहा कि ‘मैं एक हफ्ते से ज्यादा जी नहीं पाऊंगा। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, वैसे ही मुझे बेचैनी हो रही है।' कोक ने राष्ट्रपति को चिट्ठी में लिखा था- 'मैं ऐसी बीमारी से ग्रसित हूं, जिसका इलाज नहीं हो पा रहा है। मेरे असहनीय दर्द को शांत करने के लिए कुछ ऐसी चीज दी जाए, जिससे मैं शांत होकर मर सकूं।’

इस पर राष्ट्रपति मैक्रों ने उन्हें समझाते हुए इच्छामृत्यु देने से इनकार कर दिया। मैक्रों ने कहा- ‘फ्रांस के कानून के मुताबिक मुझे इसकी इजाजत नहीं है, क्योंकि मैं कानून से बड़ा नहीं हूं। इसलिए मैं आपकी अपील नहीं मान सकता।’
राष्ट्रपति का जवाब मिलने पर कोक ने कहा कि 'अपनी मौत की लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए लोगों में जागरूकता लाना चाहता हूं। बीमारी से जूझ रहे लोगों की पीड़ा को बाहर लाना चाहता हूं ताकि उन्हें इच्छामृत्यु की अनुमति मिल सके।'
फ्रांस उन यूरोपीय देशों में से एक है, जहां इच्छामृत्यु की अनुमति नहीं है। 2016 में बनाए गए एक कानून के मुताबिक, अपने अंतिम पलों के दौरान मरीजों को इच्छामृत्यु नहीं दी जाती लेकिन, ऐसे मरीजों को बेहोश करके रखा जा सकता है।

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