COVID-19

फार्मा कंपनी AstraZeneca ने कोरोना वैक्सीन के बाद दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया शुरू...देगी दोहरी सुरक्षा

Janta se Rishta
25 Aug 2020 1:51 PM GMT
फार्मा कंपनी AstraZeneca ने कोरोना वैक्सीन के बाद दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया शुरू...देगी दोहरी सुरक्षा
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लंदन: फार्मासूटिकल ग्रुप AstraZeneca ने कोविड-19 की एक दवा का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है। यह दवा कोविड-19 होने से रोकेगी और इलाज भी करेगी। इस ट्रायल के लिए पहले वॉलंटिअर्स को खुराक दी जा चुकी है। कंपनी पहले से ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन AZD1222 पर काम कर रही है। उसकी बनाई दवा AZD7442 दो मोनोक्लोनल ऐंटीबॉडी के कॉम्बिनेशन से बनी है।

कितनी असरदार-सुरक्षित
AstraZeneca ने बताया है कि ब्रिटेन में हो रहे ट्रायल में 18-55 साल की उम्र के 48 स्वस्थ वॉलंटिअर्स शामिल होंगे। इस ट्रायल का फोकस दवा कितनी सुरक्षित है, शरीर इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और कैसे प्रोसेस करता है, इन बातों पर रहेगा। कंपनी का कहना है कि यह दवा ऐसे लोगों के लिए कारगर हो सकती है जिन्हें वायरस इन्फेक्शन का ज्यादा खतरा है। साथ ही, ऐसे लोगों के इलाज में भी काम आ सकती है जिन्हें पहले ही कोविड-19 हो चुका है।

भारत में आज से ऑक्सफोर्ड कोरोना वैक्सीन के दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायलसीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में सरकार एवं विनियामक मामलों के अतिरिक्त निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने कहा कि हमें केंद्रीय औषधि मानक एवं नियंत्रण संगठन से सभी मंजूरी मिल गई है। हम 25 अगस्त से भारती विद्यापीठ चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में मानव क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्‍सीन कोविशील्ड 73 दिन के भीतर बाजार में उपलब्‍ध होगी। मगर कंपनी का कहना है कि यह केवल कयास हैं। वैक्‍सीन बाजार में तभी आएगी जब ट्रायल सफल हों और रेगुलेटरी अप्रूवल मिल जाए।

कंपनी के बायोफार्मासूटिकल रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट के एग्जिक्युटिव वाइस-प्रेजिडेंट सर पैंगलोस का कहना है कि ऐंटीबॉडी का कॉम्बिनेशन, हाफ-लाइफ एक्सटेंशन टेक्नॉलजी के साथ मिलकर ज्यादा और लंबे वक्त के लिए असर करती है। साथ ही वायरस इसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता न पैदा कर ले, इसकी संभावना भी पैदा करती है।

ऑक्सफर्ड के साथ वैक्सीन बना रही है कंपनी
AstraZeneca की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के साथ बनाई कोरोना वायरस वैक्सीन को सबसे सफल दावेदार माना जा रहा है। इंसानों पर किए गए इसके ट्रायल में मामूली साइड-इफेक्ट्स के साथ ऐंटीबॉडी और किलर T-cells बनते पाए गए थे। अब इसकी बड़ी आबादी पर ट्रायल के बाद नतीजों का इंतजार है। वहीं, रूस ने पहले ही अपनी कोरोना वैक्सीन Sputnik V को लॉन्च कर दिया है। हालांकि, उसे लेकर एक्सपर्ट्स को शक है क्योंकि बिना बड़ी आबादी पर टेस्ट किए ही, उसे अप्रूव कर दिया गया है।

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