COVID-19

बाप रे! रैली के कारण 2 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आए...मचा हड़कंप

Janta se Rishta
9 Sep 2020 6:40 AM GMT
बाप रे! रैली के कारण 2 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आए...मचा हड़कंप
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अमेरिका में हुई एक बाइक रैली की वजह से करीब 2 लाख 60 हजार लोग कोरोना संक्रमित हो गए. एक रिसर्च ग्रुप ने स्टडी के बाद ये बात कही है. रिसर्चर्स ने 63 पन्नों की रिपोर्ट में पूरे मामले को विस्तार से समझाया है. हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने रिसर्च पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

अमेरिका के साउथ डकोटा में एक मोटरसाइकिल रैली (Sturgis Motorcycle Rally) हुई थी. इसके बाद कोरोना वायरस के मामले बढ़ने पर सैन डियागो स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने स्टडी की. रैली की वजह से कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों के जो आंकड़े स्टडी में पेश किए गए, वह स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े से कहीं अधिक हैं.

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अमेरिकी राज्य साउथ डकोटा की गवर्नर क्रिस्टी नोएम ने स्टडी को 'कल्पना' करार दिया है और उन पत्रकारों की भी आलोचना की जिन्होंने इसकी रिपोर्टिंग की. वहीं, स्टडी का लक्ष्य ये पता लगाना था कि एक super-spreader (तेजी से कोरोना फैलाने वाले) इवेंट से कितने अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं?

इससे पहले रिसर्चर्स ने अमेरिका में हुए अन्य प्रदर्शनों और रैली को लेकर भी स्टडी की थी. जून में ट्रंप की ओर से आयोजित की गई राजनीतिक रैली पर भी स्टडी की गई थी. रिसर्चर्स ने स्टडी के दौरान मोबाइल फोन डेटा का भी उपयोग किया और रैली से पहले और बाद के मामलों की पड़ताल की. 7 से 16 अगस्त के बीच ये रैली हुई थी जिसमें 4 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था.

स्टडी के लेखकों में शामिल एन्ड्रू फ्रीडसन ने कहा कि रैली से स्थानीय सरकार को आर्थिक रूप से फायदा हुआ, लेकिन स्वास्थ्य को लेकर जो खर्च आ रहा है, उसका बड़ा हिस्सा अमेरिका की केंद्र सरकार उठा रही है. वहीं, गवर्नर क्रिस्टी नोएम ने कहा है कि अकेडमिक रिसर्च के नाम पर इस स्टडी के जरिए उन लोगों पर हमला किया जा रहा है जिन्होंने अपनी निजी आजादी का उपयोग करते हुए रैली में हिस्सा लिया.

स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि मंगलवार तक रैली में जाने वाले सिर्फ 124 लोग संक्रमित हुए. वहीं, एसोसिएटेड प्रेस ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अब तक रैली से जुड़े 290 केस पहचाने गए हैं.

स्टडी में रिसर्चर्स ने ये पड़ताल की कि जिस इलाके से काफी अधिक लोग रैली में गए हैं, बाद में उन इलाकों से कितने कोरोना के केस सामने आए. स्टडी के एक लेखक एन्ड्रू फ्रीडसन कहते हैं कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के जरिए हम कभी भी रैली में शामिल होने वाले सभी संक्रमित लोगों की तलाश नहीं कर पाएंगे. इसलिए इस वक्त यही आंकड़ा सबसे सही है.

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