विज्ञान

NASA: वैज्ञानिकों ने किया खुलासा...अंतरिक्ष में मिली ऐसी कीमती धातु जो सभी को बना सकती है करोड़पति

Janta se Rishta
19 Aug 2020 9:39 AM GMT
NASA: वैज्ञानिकों ने किया खुलासा...अंतरिक्ष में मिली ऐसी कीमती धातु जो सभी को बना सकती है करोड़पति
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंतरिक्ष को लेकर वैज्ञानिकों ने एक हैरान करने वाला खुलासा किया है। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) का कहना है कि अंतरिक्ष में उसे खजाना मिला है, जो इतना कीमती है कि अगर हर व्यक्ति को भी बांटा जाए तो वो करोड़पति बन सकता है। इस खजाने में सोने के अलावा हीरे और प्लेटिनम भी शामिल हैं। यह कीमती धातु यहां अंतरिक्ष में मौजूद मलबे के भीतर है।

नासा के इस नए मिशन का नाम 30 Psyche है, जिसके जरिए मेटल-रोक एस्टेरायड 16 साइकी ( 16 Psyche) का अध्ययन किया जाएगा। 16 साइकी असल में एक क्षुद्रग्रह (छोटा तारा) है, जिसे 16 साइकी नाम दिया गया है। यह क्षुद्रग्रह करीब 226 किलोमीटर चौड़ा है जो मंगल और बृहस्पति के बीच सौर मंडल के क्षुद्रग्रह पर स्थित है। अब सवाल यह उठता है कि भला वैज्ञानिक इस क्षुद्रग्रह में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि क्षुद्रग्रह में इतनी मूल्यवान धातु है जो पूरे विश्व की वैश्विक अर्थव्यवस्था की कुल लागत से भी अधिक कीमती हो सकती हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, क्षुद्रग्रह पूरी तरह से एक ठोस सोने की कोर के साथ निकल और लोहे की धातु से बना है। क्षुद्रग्रह का अनुमानित मूल्य करीब 10,000 क्वाड्रिलियन डॉलर हो सकता है। जिससे धरती का हर इंसान करोड़पति बन सकता है।

नासा ने कहा कि उसके नए उपकरण का उद्देश्य '16 साइकी' का अध्ययन करना है, जिससे धरती के निर्माण के बारे में भी पता चल सके। इससे पहले जुलाई में नासा ने कहा था इस क्षुद्रग्रह के अध्ययन से हमें पता चलेगा कि हमारा ग्रह और अन्य ग्रह किस तरह से निर्मित हुए हैं।

2022 में हो सकती है इस मिशन की शुरुआत
इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी ने साइकी नामक अंतरिक्ष यान को डिजाइन किया है जो क्षुद्रग्रह के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेगा। साथ ही क्षुद्रग्रह की स्थलाकृति और संरचना के बारे में तस्वीरों और डाटा को भी एकत्रित करेगा। इससे पिछली रिपोर्ट में नासा ने इसकी कंपनी स्पेस एक्स को मिशन में सहयोग करने को कहा था। अगर सब ठीक रहता है तो नासा स्पेस एक्स मिशन की शुरुआत साल 2022 में हो सकती है।

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