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मध्यप्रदेश : 21 से 23 सितंबर के बीच बुलाया जायेगा विधानसभा का सत्र, राजभवन से मिली मंजूरी...

Janta se Rishta
22 Aug 2020 2:03 PM GMT
मध्यप्रदेश : 21 से 23 सितंबर के बीच बुलाया जायेगा विधानसभा का सत्र, राजभवन से मिली मंजूरी...
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क, भोपाल । लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधानसभा ( Assembly) का सत्र आयोजित होने जा रहा है. मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 21 से 23 सितंबर के बीच बुलाया गया है. राजभवन की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय ( Secretariat) ने इसकी अधिसूचना (Notification) जारी कर दी है. अधिसूचना के मुताबिक सत्र 3 दिन का 21 से 23 सितंबर के बीच होगा और इसमें तीन ही बैठकें आयोजित होंगी. विधानसभा सत्र के दूसरे दिन अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया की जाएगी. माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा के इस सत्र के दौरान शिवराज सरकार (Shivraj Government) अपना बजट भी पेश करेगी. इसके अलावा कुछ अहम अध्यादेशों को भी विधानसभा से पारित करवाया जाएगा. इससे पहले विधानसभा सचिवालय की ओर से सत्र आहूत करने के लिए प्रस्ताव राजभवन भेजा गया था, जहां राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद सत्र की अधिसूचना जारी कर दी गई. आपको बता दें कि इससे पहले जुलाई में जब विधानसभा का सत्र आहूत किया जाना था, तो कोरोना की वजह से उसे सर्वदलीय बैठक में सहमति के बाद टालने का फैसला ले लिया गया था

संवैधानिक मजबूरी थी सत्र बुलाना

मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 24 सितंबर से पहले आहूत किया जाना संवैधानिक तौर पर अनिवार्य हो गया था. दरअसल इससे पहले विधानसभा का सत्र 24 मार्च को आहूत किया गया था और उसके बाद कोरोना की वजह से सत्र आहूत नहीं हो पाया. संवैधानिक नियमों के मुताबिक, विधानसभा के दो सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं हो सकता. यही वजह है कि 24 सितंबर से पहले सत्र आहूत करना अनिवार्य था.

सरकार को घेरने के लिए तैयार विपक्ष
उधर विपक्ष लंबे वक्त से सरकार को घेरने के लिए विधानसभा सत्र का इंतजार कर रहा है. यह माना जा रहा है कि 21 सितंबर से जो सत्र आहूत किया जाएगा उसमें कांग्रेस, शिवराज सरकार को घेरने के लिए खास रणनीति तैयार करने जा रही है. कांग्रेस का निशाना सबसे ज्यादा उन मंत्रियों पर होगा जो विधायक नहीं रहते हुए भी मंत्री बन गए हैं. इसके साथ ही किसान बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर भी कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. वहीं सरकार के लिए यह सत्र इसलिए भी अहम है कि बजट के साथ उसे कई अहम बिल कानूनी तौर पर पारित करवाने हैं.

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