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लिव- इन रिलेशनशिप को भारत सरकार की तरफ से मिली क़ानूनी मान्यता, इन 5 बातों से जानिए आखिर क्यों है ये रिलेशनशिप परफेक्ट

Janta se Rishta
28 Aug 2020 11:29 AM GMT
लिव- इन रिलेशनशिप को भारत सरकार की तरफ से मिली क़ानूनी मान्यता, इन 5 बातों से जानिए आखिर क्यों है ये रिलेशनशिप परफेक्ट
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क|कहते हैं कि प्यार एक खूबसूरत भावना है जो दो लोगों को बिना किसी भेदभाव जैसे रंग, जाति, धर्म या वर्ग को छोड़ एक साथ लाता है। कभी-कभी प्यार को बढ़ाने या एक-दूसरे को ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए प्रेमी जोड़े शादी से पहले लिव इन रिलेशन में रहने का फैसला करते हैं। हालांकि, हमारे समाज में आज भी शादी से पहले लड़का-लड़की का यूं साथ रहना सही नहीं माना जाता। लेकिन उन लोगों को बता दें कि अब लिव- इन रिलेशनशिप को भारत सरकार की तरफ से क़ानूनी मान्यता दे दी गई है।

जहां कुछ लोग आज भी इस कानून का जमकर विरोध करते हैं, तो कइयों का ऐसा मानना है कि लिव इन रिलेशनशिप में रहकर एक-दूसरे को अच्छे से समझा जा सकता है। यही नहीं, शादी के बाद आने वाली चुनौतियों को संभालने या पार्टनर के साथ तालमेल बिठाने या फिर एक-दूसरे की पसंद-नापसंद जानने के लिए भी लिव- इन जैसा कदम उठाना एकदम परफेक्ट है। ऐसे में जिन लोगों का ऐसा मानना है कि शादी से पहले 'बिन फेरे हम तेरे' वाला कॉन्सेप्ट सही नहीं है, उन्हें बता दें कि लिव इन में रहना बेहतर शादी के लिए एकदम परफेक्ट है।

रिलेशनशिप स्टेटस समझना जरूरी

सबसे पहले इस बात को समझिए कि आप जिस रिलेशनशिप में हैं, उसमें आप अपने पार्टनर के प्रति कितने सीरियस हैं। जी हां, यह बात आपको सुनने में अटपटी जरूर लग सकती है, लेकिन शायद आप में बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि हम दो तरह की रिलेशनशिप में आते हैं- एक सीरियस और एक कैजुअल रिलेशनशिप।

सीरियस रिलेशनशिप में हम अपने पार्टनर को बहुत अधिक समय से जानते हैं। एक साथ रहने और शादी करने का मन बनाते हैं। वहीं, कैजुअल रिलेशनशिप में हम एक-दूसरे से प्यार तो करते हैं लेकिन शादी के बारे में कुछ नहीं सोचते।

फिजिकल वाले कॉन्सेप्ट को निकालिए

ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि लिव इन में आने का मतलब पार्टनर के साथ फिजिकल होना जरूरी है। यह पूरी तरह आपकी इच्छा पर निर्भर करता है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि फिजिकल रिलेशन से पार्टनर्स के बीच अच्छी बॉन्डिंग बनती है, हालांकि इसके अलावा भी तमाम ऐसी एक्टिविटीज हैं जिनसें पार्टनर संग एक मजबूत रिश्ता बनाया जा सकता है।

एक-दूसरे को जानने का मिलता है मौका

लिव इन रिलेशनशिप की सबसे अच्छी बात यही है कि आपको शादी से पहले एक-दूसरे को अच्छे से जानने का मौका मिलता है। इस बात में कोई दोराय नहीं कि किसी से घंटों-घंटों फोन पर बात करके या एक-दो मीटिंग करके उसको जाना नहीं जा सकता। ऐसे में अगर आप दोनों वाकई शादी करने के बारे में सोच रहे हैं, तो लिव इन में आना बुरा नहीं है।

आदतों का चलता है पता

वो कहते हैं न कि 'दूर के ढोल सुहावन लगते हैं' यह मुहावरा पूरी तरह से लिव इन वाले कॉन्सेप्ट पर एकदम सटीक बैठता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दूर रहते हुए हमें अपने पार्टनर में सब अच्छाइयां ही नजर आती हैं, लेकिन जब हम किसी के साथ रहने लगते हैं तो उसके व्यवहार, विचार और यहां तक कि उसकी गलतियों को जानने का भी मौका मिलता है।

जिम्मेदारी का होता है एहसास

जब दो लोग एक साथ रहने के बारे में विचार करते हैं तो घर की जिम्मेदारियों को उठाने से लेकर घर खर्च तक के लिए जिम्मेदार बनते हैं। यही नहीं, साथ में रहकर ही आपको इस बात का पता चलता है कि आप दोनों एक रिश्ते की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए कितने काबिल हैं।

एक-दूसरे के साथ सहजता है या नहीं

लिव इन रिलेशन की सबसे अच्छी खासियत यही है कि साथ में आकर आप दोनों को इस बात का पता चलता है कि आपकी आगे की लाइफ कैसी होने वाली है। कहीं अब आप दोनों एक-दूसरे के साथ रहकर भी अकेलापन महसूस तो नहीं कर रहे, या अभी भी आपका रिश्ता पहले की तरह मजबूत है।

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