छत्तीसगढ़

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में ग्रामोद्योग की बढ़ रही सहभागिता : मंत्री गुरु रुद्रकुमार

Janta se Rishta
26 Sep 2020 5:45 PM GMT
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में ग्रामोद्योग की बढ़ रही सहभागिता : मंत्री गुरु रुद्रकुमार
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रायपुर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में ग्रामोद्योग विभाग की सहभागिता बढ़ रही है। ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान जहां पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, वहीं राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में ग्रामोद्योग की गतिविधियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड शिल्पकारों के कौशल विकास और तकनीकी उन्नयन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप हस्तशिल्पियों की कला को निखारने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा प्रदेश के शिल्पकारों को कौशल विकास, तकनीकी उन्नयन एवं सर्वे एंड स्टडी कार्यक्रम के माध्यम से 990 शिल्पकारों को रोजगार के नए अवसर दिए जा रहे हैं।

ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने विभागीय अधिकारियों को शिल्पकारों के उत्थान और विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर नई कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड को 23 विभिन्न कार्यक्रम के लिए एक करोड़ 86 लाख 75 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक श्री शंकर लाल धुर्वे ने बताया कि बोर्ड द्वारा हस्तशिल्प युवाओं के कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं सर्वे एंड स्टडी प्रोग्राम हेतु राज्य शासन से आवंटित बजट के अतिरिक्त प्रदेश के शिल्पकारों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय नई दिल्ली से 23 कार्यक्रमों के लिए एक करोड़ 86 लाख 75 हजार रुपए की स्वीकृति मिली है। उन्होंने बताया कि इसके तहत इंट्रिगेटेड डिजाइन एंड टेक्निकल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के 5, तकनीकी डिजाइन कार्यशाला के 3, तकनीकी प्रशिक्षण प्रोग्राम के 13 तथा दो सर्वे एंड स्टडी प्रोग्राम आयोजित किये जायेंगे। जिससे राज्य के विभिन्न विधाओं के लगभग 990 शिल्पकार सीधे लाभान्वित होंगे। श्री धुर्वे ने बताया कि यह हस्तशिल्प विकास बोर्ड का सराहनीय प्रयास है जो प्रदेश के शिल्पकारों के कौशल विकास और तकनीकी उन्नयन की दिशा में यह कारगर सिद्ध होगा।

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