विज्ञान

नासा से भी पहले भी चांद पर सिर्फ इंसान ही नहीं, 'कॉलोनी' बसाने का किया था सोवियत योजना

Janta se Rishta
26 Sep 2020 10:57 AM GMT
नासा से भी पहले भी चांद पर सिर्फ इंसान ही नहीं, कॉलोनी बसाने का किया था सोवियत योजना
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मॉस्को: अमेरिका 2024 में चांद पर इंसानों को भेजने का प्लान बना रहा है। अब यह जानकारी सामने आई है कि इससे कहीं पहले एक सोवियत प्रोग्राम के तहत न सिर्फ इंसानों को चांद पर भेजने बल्कि वहां कॉलोनी बसाकर ऑटोमेटेड साइंटिफिक आउटपोस्ट भी बसाए जाने का प्लान था। रूस की स्पेस एजेंसी को सोवियत प्रोग्राम के बारे में जानकारी मिली है। इसके मुताबिक 1973 में ही चांद पर बेस तैयार करने की योजना थी।

क्या करता यह मिशन
करीब चार दर्जन दस्तावेजों में ऐसा प्लान मिला है। इसमें आठ टन की एक फसिलटी है जिसे 20 दिन के लिए तीन कॉस्मोनॉट्स के रहने के लिए डिजाइन किया गया था। 19 जून, 1967 के दस्तावेज में ऐसे अस्थायी बेस का जिक्र किया गया है जो वैज्ञानिकों को रिसर्च का डेटा पहुंचाता और ज्यादा बड़े और दूरगामी मिशन और स्टेशन तैयार करने के लिए मदद करता।

चांद इसलिए अहम
इसमें चांद पर एक ऐस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी का भी जिक्र है। इसके मुताबिक तकनीकी रूप से इसके लिए 1968-69 में तैयार हुआ जा सकता था। यह स्टेशन सूरज, दूसरे ग्रहों और सितारों का अनैलेसिस कर सकता। इसमें चांद को स्पेस के ऑब्जर्वेशन्स के लिए एक स्थायी प्लैटफॉर्म माना गया था। चांद पर वायुमंडल नहीं होने की वजह से स्पेस को वहां से अच्छे से ऑब्जर्व किया जा सकता है।

..लेकिन नहीं हुआ पूरा
इस ऑब्जर्वेटरी को मॉडिफाइड E-8 लूनर स्टेशन पर बनाया जाता और प्रोटॉन-के लॉन्च वीइकल से लॉन्च किया जाता। हालांकि, इसे कभी पूरा नहीं किया जा सका। 1969-72 के बीच N-1 सुपर हेवी लॉन्च वीइकल के चारों लॉन्च फेल हो गए। बिना इनके टनों कार्गो, उपकरणों और इंसानों को चांद पर भेजना मुश्किल था। वहीं, जून 1969 में NASA ने चांद पर इंसान भेज दिए और 1972 में प्रोग्राम पूरा करने से पहले आधा दर्जन मिशन और भेजे।

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