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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने नहीं दिया मिलने का समय...खाली हाथ लौटे पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष

Janta se Rishta
19 Aug 2020 9:51 AM GMT
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने नहीं दिया मिलने का समय...खाली हाथ लौटे पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान की एक बार फिर सऊदी अरब में फजीहत हुई है। दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बड़बोलेपन से नाराज सऊदी अरब को मनाने के लिए सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा खुद सोमवार रियाद पहुंचे, यहां लेकिन यहां उनको भी भाव नहीं दिया गया। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, बाजवा के हर संभव प्रयास के बावजूद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया।

बाजवा के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख जनरल फैज हमीद भी साथ गए थे। बाजवा की मुलाकात सऊदी अरब के रक्षा राज्य मंत्री खालिद बिन सलमान और सऊदी अरब के सेना अध्यक्ष जनरल फयाद बिन अहमिद अल रुआइलि से हुई, लेकिन वे क्राउन प्रिंस से समय लेने में असफल रहे।

दोनों देशों में दशकों पुरानी दोस्ती ने उस समय कड़वाहट पैदा हो गई थी जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ उसका साथ नहीं देने को लेकर सऊदी को चेतावनी दे डाली। भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की पहली वर्षगांठ के मौके पर कुरैशी ने एक टीवी इंटरव्यू में सऊदी पर निशाना साधा था। कुरैशी ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले संगठन 'इस्लामिक सहयोग संगठन' (ओआईसी) को सख्त चेतावनी दी थी।

कुरैशी ने कहा था, यदि आप इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं, तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए मजबूर हो जाऊंगा जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं।
कुरैशी के बयान से नाराज सऊदी अरब ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का कर्ज वापस करने को मजबूर कर दिया और फिर एक अरब डॉलर की और मांग कर दी। पाकिस्तान ने चीन से उधार लेकर एक अरब डॉलर का कर्ज चुकाया है। सऊदी से रिश्ता बिगड़ना पाकिस्तान को काफी भारी पड़ सकता है। इसलिए जल्द संबंध सुधारने के लिए पाकिस्तान में काफी बेचैनी है।
सऊदी ने पाकिस्तान की कई बार मदद की है। सऊदी ने ही 1980 के दशक में पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों का पहला बेड़ा सौंपा था। दो साल पहले भी 6 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी है।

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