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कांग्रेस में मचे घमासान के बीच इस कांग्रेस नेता ने गुलाम नबी आज़ाद पर बोला हमला, कहा- उन्होंने सिर्फ अपनी बेहतरी के लिए लड़ाई लड़ी...

Janta se Rishta
29 Aug 2020 2:08 PM GMT
कांग्रेस में मचे घमासान के बीच इस कांग्रेस नेता ने गुलाम नबी आज़ाद पर बोला हमला, कहा- उन्होंने सिर्फ अपनी बेहतरी के लिए लड़ाई लड़ी...
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क, नई दिल्ली । कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक के बाद पार्टी के अंदरुनी विवाद (Internal dispute) खुलकर सामने आए. उन विवादों पर लीपापोती की जाती रही. लेकिन इस बार एक ताजा विवाद और उठ खड़ा हुआ. नया मामला गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के एएनआई (ANI) को दिए गए इंटरव्यू (Interview) से उठा. इस इंटरव्यू को सुनने के बाद पूर्व संसद सदस्य और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री (Nirmal Khatri) ने नबी पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) में गुलाम नबी आजाद के इंटरव्यू को अनुचित बताया. उन्होंने तर्क दिया कि पार्टी प्रस्तावना के मुताबिक C.W.C के प्रस्ताव के बाद कोई भी कांग्रेस पार्टी का नेता पार्टी के अन्दुरुनी मसलों के संबंध में अपनी राय भविष्य में सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं करेगा. इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा कि जब गुलाम नबी ने मौका दे ही दिया है तो मैं भी अपनी बात रख ही देता हूं.

'बच्चे आपसे ज्यादा हुनरमंद हैं'

निर्मल खत्री ने इंटरव्यू में दिए नबी के इस बयान का 'मेरे काम, योगदान को आजकल के बच्चे क्या जाने' जोरदार विरोध किया है. निर्मल खत्री ने कहा कि 'बच्चे' का तात्पर्य सब समझते हैं. वह 'बच्चे' आपकी असलियत जानने के बाद भी आपको सरमाथे पर बैठाए रहे, यही उनका व उनके परिवार का बड़प्पन था और मैं यह भी कहना चाहूंगा कि वह बच्चे आपसे ज्यादा हुनरमन्द व होशियार है. यहां मैं यह भी कहना चाहूंगा कि आप का राजनीति में राष्ट्रीय स्तर पर अभ्युदय एक कम उम्र के नेता, इसी परिवार के नेता संजय गांधी की ही बदौलत हुआ था, जिन लोगों को आप 'बच्चे' बता रहे हैं.

'राजनीति के इतिहास में आपका नाम कहीं नहीं होगा'
उन्होंने गुलाम नबी पर हमला जारी रखते हुए कहा कि देश की राजनीति में इतिहास जब लिखा जाएगा, तब आप का कहीं जिक्र भी नहीं होगा, लेकिन उनका होगा. यह आप जितनी जल्दी समझ सकें वह अच्छा होगा. क्योंकि वह लोग कांग्रेस के लिए कांग्रेसी हैं और आप अपने लिए कांग्रेसी. यहां एक उदाहरण देना चाहूंगा कि सनातन धर्म में दो अवतार राम व कृष्ण की कथा हम सबने सुनी है. राम के प्रिय हनुमान व कृष्ण के प्रिय अर्जुन. क्या कारण है कि राम के भक्त हनुमान का मंदिर तो जगह-जगह है, लेकिन कृष्ण के भक्त अर्जुन का मंदिर नहीं है. क्योंकि हनुमान राम के लिए लड़े व अर्जुन अपने लिए लड़े. यहां हर कांग्रेसी हनुमान है सोनिया और राहुल के लिए, उनके लिए लड़ता है और आप अपनी तरक्की के लिए ही लगे रहे. यही सत्य है जो नकारा नहीं जा सकता.

खत्री ने खुद को बताया नबी से सीनियर

निर्मल खत्री ने लिखा कि कांग्रेस पार्टी की राजनीति में मैं गुलाम नबी से सीनियर हूं. खत्री ने खुद के बारे में बताया कि वे वर्ष 1970 में शहर कांग्रेस कमेटी फैजाबाद के वॉर्ड हैदरगंज का अध्यक्ष बनाए व जिला युवक कांग्रेस का महासचिव बनाए गए थे. शहर युवक कांग्रेस फैजाबाद का अध्यक्ष वर्ष 1972 में बनाया गया था. उन्होंने गुलाम नबी पर तंज करते हुए पूछा कि उस समय कांग्रेस पार्टी में ये क्या कर रहे थे ?

'साथ मैंने भी काम किया है'

खत्री ने कहा कि गुलाम नबी ने अपने इंटरव्यू में संजय गांधी के साथ काम करने का जिक्र किया. मुझे भी इस बात का फक्र है कि मैं उस समय संजय गांधी के संघर्ष के दिनों में उनके साथ रहा और मुझे याद है कि उनके ऊपर चलने वाले एक देहरादून के एक मुकदमे में पहुंच कर मैं उनके साथ 21 मई 1977 में गिरफ्तार हुआ और 21 मई से 25 मई तक बरेली सेंट्रल जेल में पुनः 25 की सायं से लेकर 26 मई तक देहरादून जेल में बंद रहा व 26 मई को देहरादून जेल से रिहाई हुई. मुझे याद है कि इस दौर में कांग्रेस के नेता कमलनाथ बरेली जेल में उनसे मिलने भी आए थे. मुझे याद है कि 1977 और 1980 के मध्य जब इंदिरा गांधी पर तमाम झूठे मुकदमे चल रहे थे, उस समय की संघर्ष यात्रा में 4 अक्टूबर 1977 को इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में मैंने फैजाबाद में साथियों के साथ गिरफ्तारी दी व 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक जेल में बंद रहा. पुनः 19 दिसंबर 1978 को इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी व लोकसभा की सदस्यता समाप्त किए जाने के विरोध में मैं फैजाबाद में गिरफ्तार हुआ और 22 दिसबंर तक जेल में बंद रहा.

जरूरत के वक्त गायब रहे हैं नबी

खत्री ने गुलाम नबी को अवसरवादी तो नहीं कहा, पर यह जरूर ध्यान दिलाया कि गुलाम नबी 1977 व 1980 के मध्य के प्रारंभिक वर्षों में इंदिरा गांधी और संजय गांधी के साथ सक्रिय भूमिका में नहीं दिखे थे, लेकिन जब उन्हें लगा कि कांग्रेस पुनः लौट सकती है, तब 1979 में दिल्ली में हुए एक प्रदर्शन में गिरफ्तार होकर तिहाड़ जेल में बंद हुए. जबकि 1977 से ही देश में लाखों कांग्रेसी इंदिरा जी के ऊपर होने वाले जुल्म के विरोध में जेल भरो आंदोलन कर रहे थे. निर्मल खत्री ने गुलाम नबी की उस दावेदारी पर व्यंग्य कि जिसमें नबी ने कहा था कि उनके दम पर कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी. खत्री ने याद दिलाया कि नबी अपने इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश को भूल गए, जहां पर जब-जब नबी प्रभारी बन कर आए कांग्रेस का सत्यानाश किया.

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