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राजस्थान में सियासी संकट टल जाने के बाद अब अशोक गहलोत करेंगे मंत्रिमंडल विस्तार, जानें किसको मिल सकती है जगह

Janta se Rishta
18 Aug 2020 8:12 AM GMT
राजस्थान में सियासी संकट टल जाने के बाद अब अशोक गहलोत करेंगे मंत्रिमंडल विस्तार, जानें किसको मिल सकती है जगह
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क, नई दिल्ली । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेल के बीच तल्खी के बाद आई दूरियों ने कुछ विधायकों के मन में मंत्री पद की लौ जगा दी है। अब जब दोनों टीमें एक बार फिर एक हो गए तो ऐसे विधायकों पर सबसे अधिक वज्रपात हुआ है। सियासी संग्राम के टलने के बाद अब गहलोत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है, कांग्रेस से जुड़े सभी 124 विधायकों को एकजुट रखना। इस एकजुटता को बनाए रखने की पहली परीक्षा प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार में होगी।

राष्ट्रीय नेतृत्व इस समस्या को पहले से भांपकर तीन सदस्य समिति गठित कर चुका है। यह समिति मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर ब्लॉक स्तर तक नई समितियों के गठन तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

पायलट गुट के लिए लगाए जा रहे ये कयास
सियासी संकट में खुद पायलट, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया। मौजूदा मंत्रिमंडल में 22 सदस्य हैं। जबकि राज्य में 30 मंत्री बन सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में पायलट खेमा चाहता है कि उनके चार वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया जाए। इस कतार में विश्वेंद्र और रमेश मीणा का नाम प्रमुख है। साथ ही पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत का नाम भी शामिल हैं। वहीं, दो विधायक राज्य मंत्री बनने की दौड़ में शामिल है।

दो मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी
इसके साथ ही मौजूदा मंत्रिमंडल से दो मंत्री पद खाली हो सकते हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा के अब शिक्षा मंत्री पद छोड़ने की संभावना है। वहीं, मास्टर भंवरलाल मेघवाल की तबीयत पहले से खराब है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार में मेघवाल की जगह किसी नए चेहरे को लेने की संभावना है। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और महादेव सिंह खंडेला व बसपा से आए राजेंद्र गुढ़ा भी मंत्री बनने की दौड़ में है।

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