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कृषक आत्महत्या रोकने के लिए साइकिल से घूम रहा युवा किसान

Rani Sahu
21 Nov 2021 5:43 PM GMT
कृषक आत्महत्या रोकने के लिए साइकिल से घूम रहा युवा किसान
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प्रकृति की मार, सरकार की नीतियों और कर्ज के बोझ की वजह से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या कर रहे हैं

प्रकृति की मार, सरकार की नीतियों और कर्ज के बोझ की वजह से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या कर रहे हैं. खेती से कमाई न होने की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत है. इन चिंताओं के कारण राज्य में किसान आत्महत्याएं बढ़ रही हैं. एक ओर कहा जा जाता है कि उत्पादन में वृद्धि हुई है लेकिन वास्तविकता अलग है. किसान को फायदा होगा तो वह कभी जीवन खत्म करने जैसा भयावह कदम नहीं उठाएगा. फिर भी किसानों को मोटिवेट करना जरूरी है कि जीवन देना समस्या का समाधान नहीं है.

महाराष्ट्र में कृषक आत्महत्या रोकने के लिए एक युवा साइकिल से घूमकर अलख जगा रहा है. वह सभी जिला कलेक्टरों से निवेदन भी कर रहा है कि वो आत्महत्या के मूल कारणों का पता लगाएं. उसके निदान के साथ किसानों का मार्गदर्शन करें. इस किसान का नाम बालासाहेब कोलसे है. जो अब तक 1800 किलोमीटर का सफर तय कर 16 जिलों के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंप चुका है. वो किसानों को मोटिवेट भी कर रहे हैं. अहमदनगर जिले के अडगांव के रहने वाले किसान बालासाहेब कोलसे ने इस अनोखे प्रयास की शुरुआत की है.
किसान बालासाहेब कोलसे का क्या है?उद्देश्य
बालासाहेब कोलसे ने बताया कि वो खुद एक किसान हैंं. उन्होंने कृषि से संबंधित काम में अधिक कठिनाइयों और घटती उत्पादकता का अनुभव किया है. कोलसे बताते हैं कि अगर किसानों को कृषि व्यवसाय में उपज मिलती है तो उन्हें उचित मूल्य नहीं मिलता है.कड़ी मेहनत के बावजूद सब कुछ अंधेरे में रहता है. इन सब परिस्थितियों से परेशान होकर किसान आत्महत्या कर लेता है. इसलिए परेशान होकर उन्होंने यह सफर शुरू किया है. ताकि इस तरह की घटनाएं कम हों. किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम मिले.
कोलसे के मुताबिक लोग कहते हैं कि कृषि में कई अवसर हैं, लेकिन हकीकत में स्थिति अलग है. इसलिए किसान आत्महत्या करते हैं.अब वह प्रशासन से समस्या का पता लगाने और उसका समाधान निकालने की मांग कर रहे हैं.
साइकिल से 16 जिलों में 1800 किमी का सफर
बालासाहेब कोलसे अब तक 16 जिलों के जिला कलेक्टरों को खेती से संबंधित विभिन्न मांगों पर लेटर सौंप चुके हैं.उनका अब तक का सफर 1800 किलोमीटर का रहा है. वह शेष 20 जिलों का भी दौरा करेंगे.वह राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निवेदन देने के बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर अपनी मांग उनके सामने रखेंगे. ताकि कृषक आत्महत्या का सिलसिला बंद हो.
क्या है मुख्य मांग
कोलसे ने बताया कि प्रशासन से उनकी मांग ऐसा नियम बनाने की है ताकि किसान खुद अपनी कृषि उपज की कीमत तय कर सके. सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रति एकड़ सब्सिडी का भुगतान उत्पादन लागत के लिए किया जाए, कृषि उपज की गारंटी दी जाए और सभी किसानों को कर्ज से राहत दी जाए.


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