गोहर। गोहर के ज्यूणी वैली धौलुधार के ढुंगाथर में भी अब सैलानी पैराग्लाइडिंग का आनंद ले सकेंगे। हालांकि उपमंडल के ढुंगाथर साइट को पैराग्लाइडिंग के लिए पहले ही उपयुक्त माना जा चुका है, जिसमें ट्रायल के दौरान सिंगल व्यक्ति ही उड़ान भरने में सफल रहा था लेकिन अब वन विभाग, पर्यटन विभाग व पर्वतारोहण संस्थान मनाली की टैक्नीकल टीम द्वारा किए गए संयुक्त सर्वेक्षण के दौरान एक उड़ान सिंगल व्यक्ति द्वारा भरी गई जबकि दूसरी उड़ान में 2 लोगों ने एक ही पैराग्लाइडर से सफल उड़ान भरी, जिसको लेकर स्थानीय लोगों व संयुक्त टीम के सदस्यों ने खुशी जताई है तथा साइट से बड़ी प्रतियोगिताओं के आयोजन की उम्मीद जताई है। इस मौके पर डीएफओ नाचन सुरेंद्र कश्यप, जिला पर्यटन अधिकारी मनोज कुमार, रेंज ऑफिसर खेम चंद सहित राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
वैली की मनमोहक वादियां विश्व के मानचित्र में उभरने को बेताब हैं। टैक्नीकल टीम ने पैराग्लाइडिंग के लिए गोहर की लोट पंचायत के बेहद खूबसूरत स्थान ढुंगाथर साइट को ट्रायल फ्लाइट के सफल होने के बाद आगामी प्रक्रिया के लिए रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। इससे पूर्व सराज के स्पैणीधार पयर्टन विभाग ने ट्रायल के बाद साइट को हरी झंडी दे दी है। अब स्पैणीधार और ढुंगाथर की इन 2 साइटों पर पैराग्लाइडर उड़ान भर सकते हैं।
बता दें कि ढुंगाथर धार से पैराग्लाइडिंग साइट के लिए बीते वर्ष भी संयुक्त निरीक्षण किया गया था लेकिन उस दौरान कागजी कार्रवाई अधूरी रहने पर यह कार्य सिरे नहीं चढ़ पाया था। यदि यह कवायद सफल रही तो यहां स्थानीय युवाओं के साथ मिलकर पैराग्लाइडिंग गतिविधियों का संचालन होगा, जिससे यहां स्वरोजगार के साधन भी बढे़ंगे। प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता शिकारी देवी के समीप इस स्थान से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साहसिक खेलकूद गतिविधियों पर फोकस किया जा रहा है। साइट से पहली सफल उड़ान भरने वाले ढमेश्वरदत्त ने कहा कि जैसे-जैसे ट्रैवलर्स बढ़ते हैं, वैसे-वैसे एडवैंचर्स एक्टीविटी भी बढ़ती रहती है। आज पैराग्लाइडिंग जैसा स्पोर्ट बेहद लोकप्रिय है। भारत में ऐसी कई जगह हैं, जहां पैराग्लाइडिंग एक्टीविटी कराई जाती है।
जिस तरह ज्वाइंट इंस्पैक्शन टीम ने साइट को बीड़ बिलिंग जैसी विश्व मानचित्र पर मशहूर साइट के मुकाबले की करार दिया है। चहवानों के लिए किसी सपने से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने बीड़ तथा मनाली में पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उसके बाद उन्होंने स्वयं यहां से करीब एक घंटे से अधिक समय की उड़ान भरने में कामयाबी हासिल की थी। पैराग्लाइडिंग फ्लाइंग टेकओवर के लिए जाच्छ से करीब 9 किलोमीटर की दूरी कार से तय कर पहुंचा जा सकता है। अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण के निदेशक अविनाश नेगी ने कहा कि उपमंडल गोहर के पर्यटन स्थल देवीदहड़ के समीप ढुंगाथर में पैराग्लाइडिंग का ट्रायल सफल हुआ है, जिससे इस साहसी खेल के आयोजन को लेकर साइट से बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए उम्मीद बढ़ी है।