बेंगलुरु में दूसरी विपक्षी एकता बैठक की पूर्व संध्या पर एक बड़ी घोषणा में, सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार कर दिया। आश्चर्य की बात जो यह है कि कर्नाटक में ये दोनों दल विपक्ष की बैठक में भागीदार है। लेकिन बंगाल में एक साथ आने को तैयार नहीं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम राज्य में भाजपा और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।
कल बड़ी बैठक
गौरतलब है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने की रणनीति बनाने की कोशिश में 26 विपक्षी दल कल सुबह 11 बजे बेंगलुरु में बैठक करेंगे। सीपीआईएम और टीएमसी उन प्रतिभागियों में शामिल हैं जो कल मंच साझा करेंगे। पश्चिम बंगाल में दोनों पार्टियां आमने-सामने नहीं मिल पा रही हैं। दो दिवसीय बैठक के आयोजन स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए, जिसमें उनके, टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल होंगी, येचुरी ने 2004 मॉडल का हवाला दिया जिसने वाम-कांग्रेस गठबंधन को केंद्र में सत्ता में लाया।
लेफ्ट-टीएमसी का नहीं होगा गठबंधन
सीपीआई (एम) के महासचिव ने कहा कि हर राज्य में स्थिति अलग है। कोशिश ये है कि इन स्थितियों में बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाले वोटों का बंटवारा कम से कम हो। यह कोई नई बात नहीं है। जैसे 2004 में लेफ्ट के पास 61 सीटें थीं, जिनमें से हमने कांग्रेस के उम्मीदवारों को हराकर 57 सीटें जीतीं। फिर मनमोहन सिंह की सरकार बनी और 10 साल तक चली। ममता और सीपीआई (एम) की नहीं बनेगी। पश्चिम बंगाल में लेफ्ट और कांग्रेस के साथ-साथ सेक्युलर पार्टियां भी होंगी जो बीजेपी और टीएमसी के खिलाफ लड़ेंगी।