तापमान गिरने के कारण स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां लगातार बढ़ी
राजसमंद। राजसमंद मौसम के बदलते मिजाज के कारण हर साल शीतकालीन अवकाश बढ़ाने पड़ रहे हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने को लेकर राज्य सरकार, प्रशासन और शिक्षा विभाग इतने भी गम्भीर नहीं हैं। सर्दी के कारण केवल छुट्टियां बढ़ाई जा रही हैं। वर्षभर विद्यालयों में बेतहाशा छुट्टियां होती हैं। शिविरा पंचांग के मुताबिक …
राजसमंद। राजसमंद मौसम के बदलते मिजाज के कारण हर साल शीतकालीन अवकाश बढ़ाने पड़ रहे हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने को लेकर राज्य सरकार, प्रशासन और शिक्षा विभाग इतने भी गम्भीर नहीं हैं। सर्दी के कारण केवल छुट्टियां बढ़ाई जा रही हैं। वर्षभर विद्यालयों में बेतहाशा छुट्टियां होती हैं। शिविरा पंचांग के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2023-24 के तहत 25 दिसम्बर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित थे, वहीं कड़ाके की सर्दी के चलते इसे जिला प्रशासन ने बढ़ाकर 6 और 8 जनवरी किया। सर्दी का असर कम नहीं होते देख इसे फिर 13 जनवरी तक बढ़ा दिया गया, जिसमें पहली से 8वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को राहत दी गई, जबकि कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के लिए सुबह का समय 10 बजे बाद तय किया। अवकाश करीब 8 दिन बढ़ा है। कुल छुट्टियां 20 दिन की हो गई। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में भी 25 दिसम्बर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित था, जिसे दो दिन और बढ़ाना पड़ा। तापमान में गिरावट के चलते 17 और 18 जनवरी को पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए अवकाश के आदेश जिला कलक्टर ने जारी किए। कक्षा 6 से 12 तक का समय सुबह 10 से शाम 4 बजे तक किया। इससे पहले सत्र 2021-22 में 25 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक का ही शीतकालीन अवकाश शिविरा पंचांग में घोषित किया गया था। शीतकालीन अवकाश के बाद सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में वार्षिक परीक्षाओं के मद्देनजर पढ़ाई व तैयारी शुरू हो जाती है। अभिभावकों का कहना है कि ऐसे में बार-बार केवल छुट्टियां बढ़ाने से अध्ययन पर असर पड़ता है।
राज्य सरकार, शिक्षा निदेशालय व जिला प्रशासन को अधीनस्थ स्कूल प्रशासन को ऑनलाइन पढ़ाई के सम्बंध में भी आदेश जारी करने चाहिए। इधर, जिले में कुछ निजी विद्यालय तो जिला प्रशासन के आदेशों को भी दरकिनार कर ऑनलाइन की बजाय कुछ कक्षाओं को ऑफलाइन पढ़ाई के लिए विद्यालय में बुलाते रहे हैं। इसके लिए वे अतिरिक्त कक्षाओं का बहाना बनाते हैं। यह जिम्मेदार शिक्षा अधिकारियों के भी ध्यान में होता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। गत वर्ष राज्य सरकार ने हर घर की महिला मुखिया को मोबाइल और दो साल के लिए इंटरनेट भी उपलब्ध करवाया था, जिसका लाभ परिवार के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण के लिए भी लिया जा सकता है। अच्छा सुझाव है। इस बारे में शिक्षा निदेशालय से बात करेंगे, ताकि आगामी समय में बढ़ाए गए शीतकालीन अवकाशों में अध्ययन भी जारी रह सके। शीतलहर एवं अत्यधिक सर्दी के कारण विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित होना आवश्यक हो जाता है। इस अवधि में छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो और पाठ्यक्रम समय पर पूर्ण होने के साथ अध्ययन का क्रम बना रहे, इसके लिए ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था रखना उचित रहेगाकोरोना महामारी के दौर में वर्ष 2020 और 2021 में कई महीनों तक सरकारी विद्यालयों में अध्ययन प्रभावित रहने के बाद सरकार ने कदम उठाते हुए विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया कराने के तमाम बंदोबस्त किए थे, वहीं निजी विद्यालयों ने पहले ही अपने स्तर पर ऑनलाइन शिक्षण शुरू कर दिया था।