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नई दिल्ली | सहारा समूह (Sahara India) के को-ऑपरेटिव में फंसे करोड़ों निवेशकों के पैसे की वापसी के लिए केंद्र सरकार ने एक पोर्टल लॉन्च किया है. सहारा रिफंड पोर्टल पर लाखों की संख्या में निवेशक अपने पैसे की वापसी के लिए आवेदन कर चुके हैं और ये सिलसिला अभी जारी है. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) को लॉन्च करते हुए कहा था कि 45 दिनों के भीतर निवेशकों का पैसा उनके खाते में पहुंच जाएगा. अब सहारा की को-ऑपरेटिव में निवेश करने वाले करोड़ों निवेशकों की उम्मीद बंध गई है कि उनका फंसा पैसा वापस मिल जाएगा.
सहारा के निवेशकों के पैसों की वापसी को लेकर गतिविधियां तेज हैं. हर रोज निवेशक रिफंड पोर्टल पर भारी संख्या में अपनी राशी की वापसी के लिए क्लेम कर रहे हैं. करीब चार करोड़ छोटे निवेशकों के फंसे पैसों की वापसी के लिए केंद्र सरकार ने सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी (CRCS) का पोर्टल लॉन्च किया है.
सहारा की चार को-ऑपरेटिव सोसाइटी के ऐसे निवेशकों को पैसा वापस मिल सकेगा, जिनके इन्वेस्टमेंट की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है. पहले चरण में निवेशकों के 10,000 रुपये की राशि लौटाई जाएगी. जिनका 10,000 रुपये से अधिक जमा है, उन्हें भी अभी सिर्फ 10,000 रुपये ही रिफंड किए जाएंगे. बता दें कि शनिवार शाम तक 15 लाख से अधिक निवेशकों ने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कर लिया था.
दरअसल, सहारा में टोटल छोटे निवेशकों की संख्या करीब 4 करोड़ बताई जा रही है, अगर सभी निवेशकों को 10 हजार रुपये करके भी लौटाए जाते हैं, तो इसके लिए करीब 40 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जबकि अभी सुप्रीम कोर्ट से सिर्फ 5000 करोड़ रुपये पेमेंट के लिए स्वीकृत हुए हैं. हालांकि, पोर्टल के लॉन्चिंग के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा था कि 5,000 करोड़ रुपये के फंड को सफलता से लौटाने के बाद हम फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, और सभी को पैसे लौटाए जाएंगे.
बता दें कि सहारा ग्रुप की सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के पास पैसे जमा करने वाले इंवेस्टर्स को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालाय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5,000 करोड़ रुपये सीआरसीएस को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था.
सहारा समूह में बड़ी संख्या में उत्तर भारत के लोगों ने निवेश किया है. रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के 85 लाख निवेशकों ने सहारा की स्कीमों 22 हजार करोड़ रुपये निवेश किए हैं. बिहार के 55 लाख निवेशक हैं और झारखंड के 24 लाख निवेशक ने अपना पैसा इसमें लगाया है. जाहिर सी बात है, जितने निवेशकों का पैसा सहारा में फंसा है उन सभा का भुगतान 5,000 करोड़ रुपये से नहीं हो सकता. इसके लिए और अधिक पैसों की जरूरत पड़ेगी.
निवेशक खुद से इस पोर्टल पर लॉगिन करके अपना नाम रजिस्टर्ड कर सकते हैं और वेरिफिकेशन के बाद पैसे वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी. पैसों की वापसी का ये पूरा प्रोसेस 45 दिनों में पूरा होगा. अप्लाई किए जाने के बाद इसके बाद सहारा इंडिया निवेशकों के दस्तावेज Sahara Group की समितियों द्वारा 30 दिन में वेरिफाई किए जाएंगे और ऑनलाइन क्लेम दर्ज करने के 15 दिन के भीतर SMS के जरिए उन निवेशकों को सूचित कर दिया जाएगा.
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