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शिमला से धर्मशाला जाएगा वाइल्ड लाइफ विंग, कैबिनेट में हो सकता है फैसला

Shantanu Roy
30 April 2025 10:11 AM GMT
शिमला से धर्मशाला जाएगा वाइल्ड लाइफ विंग, कैबिनेट में हो सकता है फैसला
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Shimla. शिमला। वन विभाग के वाइल्ड लाइफ विंग दफ्तर को शिमला से धर्मशाला के लिए बदला जा सकता है। प्रदेश सरकार इस तरह का महत्त्वपूर्ण फैसला आने वाली कैबिनेट बैठक में ले सकती है। सूत्रों के अनुसार इस तरह का प्रस्ताव तैयार है और मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए इसे भेजा जाएगा। वन विभाग के वन्य प्राणी प्रभाग का काम अब कांगड़ा जिला में काफी ज्यादा बढ़ जाएगा। सरकार बगलामुखी में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के जू का निर्माण करवा रही है और उसके लिए महत्त्वपूर्ण होगा कि धर्मशाला से ही वन्य प्राणी प्रभाग चले। बगलामुखी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के जू के लिए जरूरी है कि उसके कामकाज पर पूरी नजर रखी जाए और उसकी जरूरतों को समय रहते वहां पर पूरा किया जा सके। ऐसे में पांच मई को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री की अधिकारियों के साथ चर्चा हो चुकी है और उनको सरकार की तरफ से कुछ निर्देश इस संबंध में दिए गए थे। सरकार चाहती है कि कांगड़ा जिला में पौंग डैम की गतिविधियों को भी
बढ़ाया जाए।


यहां पौंग डैम का एरिया भी वाइल्ड लाइफ विंग के अधीन आता है, क्योंकि यहां साल में एक बार विदेशी परिंदे पहुंचते हैं, जिनकी देखरेख करने का जिम्मा भी वाइल्ड लाइफ विंग का रहता है। यदि धर्मशाला में वन्य प्राणी प्रभाग होगा तो उसकी कई सारी गतिविधियां वहां से चल सकेंगी और इससे बढ़ावा मिलेगा। अभी शिमला में इनका निदेशालय है, जो कि वन विभाग के साथ ही चलता है और अलग से वन्य प्राणी प्रभाग में पीसीसीएफ रैंक का अधिकारी पूरे विभाग को चलाता है। एक वन बल प्रमुख हैं, तो दूसरे चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन। ऐसे में यहां से दफ्तर शिफ्ट करने में दिक्कत भी नहीं होगी और पूरा विंग वहां से आसानी से चल सकेगा। इसके अलावा भी सरकार पौंग डैम आदि क्षेत्रों में वन्य प्राणियों से जुड़ी अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहती है, साथ ही कुछ अन्य क्षेत्रों में भी वन्य प्राणियों से जुड़ी गतिविधियां शुरू करनी हैं। इसमें प्रमुख तौर पर बगलामुखी का चिडिय़ाघर है, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का है और इसको तैयार करने पर तेजी से काम किया जा रहा है। यह जू प्रदेश को एक अलग पहचान देगा। ऐसे में वन्य प्राणी प्रभाग को यहां से शिफ्ट किया जा सकता है। ऐसी संभावनाएं सरकार कुछ और सरकारी दफ्तरों के लिए भी देख रही है।
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