यूपी। उत्तर प्रदेश के बरेली में बच्चों के झगड़े की शिकायत पर शिक्षक ने कक्षा दो में पढ़ने वाली एक छात्रा को थप्पड़ मार दिया (Teacher Slapped Student). थप्पड़ ऐसा कि छात्रा की आंख की रोशनी चली गई. छात्रा की मां ने शिक्षक पर आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है (Girl Lost Eye Sight). मां का कहना है कि कई जगह इलाज कारने के बाद भी बेटी की आंख की रोशनी वापिस नहीं आ रही है, इलाज में सब पैसा लगा दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ. मामले में पुलिस (Bareilly Police) ने जांच कर आरोपी शिक्षक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और बच्ची को मेडिकल के लिए भेज दिया है. मामला जिले के फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र गांव सतुईया पट्टी प्राथमिक विद्यालय का है.
दरअसल बरेली के फतेहगंज पश्चिमी के गगांव स्तुइया पट्टी की रहने वाली रामा देवी ने रो-रो कर जानकारी देते हुए बताया कि उनकी सात वर्षीया बेटी गौरी गांव के ही प्राथमिक विद्यालय के कक्षा दो में पढ़ती है. छात्रा की मां का आरोप है कि मार्च महीने में बच्चों में आपस में झगड़ा हो गया था, जिसकी शिकायत करने बेटी शिक्षक बलवीर सिंह के पास पहुंची तो वह फोन पर बात कर रहे थे. मां का आरोप है कि शिक्षक बलवीर सिंह ने बगैर फोन काटे और छात्रा की बात बिना सुने गुस्से में गौरी को जोरदार थप्पड़ मार दिया. शिक्षक ने छात्रा को इतना तेज थप्पड़ मारा जिससे उसकी आंख में सूजन आ गया. उस समय कई अस्पतालों में दिखाया लेकिन उसकी आंख ठीक नहीं हुई, उन्होंने छात्रा की आंख को स्थानीय अस्पताल में दिखाने के बाद दिल्ली एम्स भी दिखाया, लेकिन सभी डॉक्टर ने जांच करने के बाद आंख की रोशनी वापस आने से इनकार कर दिया.
मां का कहना है कि उन्होंने बहुत सारे अस्पतालों में छात्रा गोरी का इलाज कराया लेकिन आंख की रोशनी नहीं आई फिर पीड़ित ने इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी की. आरोप है कि शिकायत का पता चलने पर शिक्षक बलबीर सिंह ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और छात्रा की मां का आरोप है कि शिक्षा बलबीर सिंह ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और कहा अगर आपने किसी अधिकारी से शिकायत की तो जान से मार दूंगा. बड़ी हिम्मत करने के बाद छात्रा की मां ने फतेहगंज पश्चिमी थाने में आरोपी शिक्षक के खिलाफ शिकायत की है और आरोपी शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
छात्रा गौरी का परिवार बहुत ही गरीब है और उसके पिता मजदूरी करके घर का खर्चा चलाते हैं. गौरी की मां ने बताया कि उनके घर में जितना भी पैसा था वह के इलाज में लग गया और उन्होंने कई जगह दूर-दूर के अस्पतालों में जाकर गौरी का इलाज कराया लेकिन आंख की रोशनी नहीं आई. अब डॉक्टरों ने भी छात्रा की आंख की रोशनी आने से मना कर दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि अब आंख की रोशनी नहीं आएगी. इस पर गौरी की मां का रो रो कर बुरा हाल है.