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इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooter) कितने सेफ हैं? सवाल इसलिए क्योंकि पहले ओला (Ola) के ईवी में आग लगने की खबर सामने आई. इसके बाद ओकिनावा (Okinawa) और फिर प्योर ईवी स्कूटर (Pure EV Scooter) में भी आग लगने की खबरें सामने आईं. मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक इन खबरों पर चर्चा हो रही है. अब ऐसी रिपोर्ट है कि सरकार ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) से उसके ईवी में आग लगने का कारण पूछ सकती है. हालांकि कंपनी इसको लेकर बयान जारी कर चुकी है जिसमें उसने जांच की बात कही थी.
इलेक्ट्रिक स्कूटर के चाइनीज कनेक्शन की भी बातें की जा रही हैं. दरअसल ई-स्कूटर में लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है. ये बैटरी दुनिया में सबसे ज्यादा चीन में बनाई जाती है. ओला हो या फिर कोई और कंपनी. बेशक वह स्कूटर भारत में बना रही हैं लेकिन बैटरी के लिए चीन पर ही निर्भर हैं. चीन की बैटरी बेशक तमाम तरह के टेस्ट पास करके भारत में आती है लेकिन इसकी क्वालिटी को लेकर कई तरह की आशंकाएं भी हैं. ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन कहते हैं कि ईवी के दाम कम करने के लिए कंपनियां इनमें चाइनीज बैट्रियां इस्तेमाल कर रही हैं. ये बैट्रियां तेजी से चार्ज हो तो जाती हैं लेकिन गर्म भी हो जाती हैं. चीनी बैटरी सस्ती होती हैं इसलिए इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनियां इन्हें लगाती हैं.
सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक आग, पर्यावरण और विस्फोटक सुरक्षा केंद्र को उन परिस्थितियों की जांच करने के लिए कहा गया था जिनके कारण ओला ईवी में आग लगने की घटना सामने आई. इसके अलावा मंत्रालय ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपायों पर संस्थान से सुझाव भी मांगे हैं. ईवी के जानकार कहते हैं कि इलेक्ट्रिक स्कूटर की स्पीड ठीक-ठाक रहती है जबकि लिथियम आयन बैटरी पर इसके कारण काफी दवाब भी रहता है. ऐसे में बैटरी में शॉर्ट सर्किट भी हो सकता है, बैटरी गर्म भी हो सकती है, हाल ही में तेजी से बढ़ी गर्मी का भी इस पर असर हो सकता है. और भी कई कारण हैं जिनकी वजह से इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग सकती है. ओवर चार्जिंग और गर्मी में देर तक खड़े वाहन के लिए भी आग का खतरा पैदा हो सकता है.
जानकार कहते हैं कि ओवर चार्जिंग, बैटरी का लीकेज, बैटरी को लगी किसी तरह की कोई चोट, शॉर्ट सर्किट, बैटरी का काफी देर तक तेज धूप में रहना, जैसे कई फैक्टर हो सकते हैं जिनके कारण ईवी में आग लग सकती है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है कि लिथियम आयन बैटरी भारत में ही बने. जो बैटरी बाहर से आ रही हैं वो भारत के पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाई जाएं.