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फाइल फोटो
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में रविवार को निकले एक आदेश से प्रशासन की बड़ी किरकिरी हुई. इस आदेश में 'सेक्स वर्करों' को हाई रिस्क कैटेगरी में रखते हुए वैक्सीनेशन के लिए ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन के निर्देश दिए गए थे. सेक्स वर्करों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता से बड़ा हंगामा हुआ. इसके बाद इस आदेश को सुधार कर 'सैलून वर्कर' कर दिया गया.
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को निर्देश निकाला गया कि '100 फीसदी ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन आधारित सत्र आयोजित कर हाई रिस्क कैटेगरी जैसे उचित दुकानों के विक्रेता, गैस सिलेंडर सप्लाई में लगे लोग, पेट्रोल पंप स्टाफ, घरों में काम करने वालीं महिलाएं, किराना दुकान व्यापारी, सब्ज़ी-गल्ला मंडी के विक्रेता, हाथ ठेला वाले, दूध वाले, वाहन चालक, मजदूर, मॉल, होटल, रेस्टोरेंट का स्टाफ, शिक्षक, केमिस्ट, बैंकर्स, सुरक्षा गार्ड का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए'.
इसमें आदेश में सबसे आखिर में 'सेक्स वर्कर' लिखा था. जिसके बाद चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी. इसकी भनक लगते ही विभाग ने माना कि ये एक टाइपिंग मिस्टेक थी जिसमें सैलून वर्कर की जगह सेक्स वर्कर लिखा गया. और उसके बाद संशोधित आदेश निकाला गया जिसमें 'सेक्स वर्कर' की जगह 'हेयर सैलून वर्कर' लिखा गया.
आदेश की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया. एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि 'मध्यप्रदेश में सेक्स वर्कर को पहले वैक्सीन. कहीं ये बीजेपी नेताओं की विशेष मांग पर तो नहीं? वरीयता तय करिये पर लज्जा बनी रहे, वैसे भी अब जनता बीजेपी नेताओं के गिरते चरित्र से भली-भांति परिचित है.
HARRY
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