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UP : आगरा में सड़कों पर घूमता छुट्टा गोवंश शहर से गांव तक लाइलाज
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में सड़कों पर घूमता छुट्टा गोवंश शहर से गांव तक लाइलाज मर्ज बन रहा है। कुत्ते और बंदर भी मुसीबत बढ़ा रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। फिर भी समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सरकार, कब खत्म होगा …
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में सड़कों पर घूमता छुट्टा गोवंश शहर से गांव तक लाइलाज मर्ज बन रहा है। कुत्ते और बंदर भी मुसीबत बढ़ा रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। फिर भी समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सरकार, कब खत्म होगा छुट्टा गोवंश, कुत्ता व बंदरों का उत्पात। दयालबाग क्षेत्र में शुक्रवार को एक गाय को कुत्ते ने काट लिया। बदहवाश होकर गाय ने आतंक मचाया। 15 लोग चोटिल हुए। दयालबाग से पोइया घाट सड़क पर रोज सुबह-शाम सैकड़ों गोवंश का झुंड घूमता है। पिछले महीने इस झुंड के हमले में एक युवती दुर्घटना का शिकार हो गई।
इलाज के दौरान उसकी जान चली गई। कमला नगर निवासी प्रशांत गुप्ता के लिए भी छुट्टा सांड काल बना। ये स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री पिछले छह साल से गोवंश संरक्षण के दावे कर रहे हैं। बार-बार मंडलायुक्त व डीएम निर्देश दे रहे हैं। फिर भी धरातल पर हकीकत नहीं बदल सकी।
सड़कों पर घूमते बेसहारा गोवंश को आश्रय स्थलों में पहुंचाने के लिए पांच बार समय सीमा तय की गई। समय के साथ समस्या बढ़ती गई। डीएम ने 31 दिसंबर तक सभी छुट्टा गोवंश को गोशाला पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। जबकि गोशालाएं अभी निर्माणाधीन हैं। जो बन चुकी हैं उनमें क्षमता से अधिक गोवंश रखा जा रहा है। पर्याप्त इंतजाम नहीं। इधर, ताजमहल से लेकर शहर की गलियों तक कुत्ते खूंखार हैं। कभी पर्यटकों पर हमला तो कभी बच्चों को नोंचते हैं। बंदरों की समस्या से पुराना शहर परेशान है।