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कोरोना काल में निकली अनोखी बारात, सिर्फ था 1 बराती, ये है उससे भी सुखद पहलू

jantaserishta.com
28 April 2021 10:35 AM GMT
कोरोना काल में निकली अनोखी बारात, सिर्फ था 1 बराती, ये है उससे भी सुखद पहलू
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खास बात यह रही कि शादी में एक रूपया भी दहेज नहीं लिया गया...

कोरोना काल के बीच गोंडा में सोमवार को एक अनोखी बरात निकली जिसमें बराती सिर्फ दूल्हे के पिता रहे जबकि घराती के तौर पर दुल्हन के भाई और मां शामिल हुए जिन्होंने पूरी जिम्मेदारी संभाली।

इस अनूठी शादी की रस्में मध्यस्थ अचलपुर गांव निवासी राजगीर बहादुर चौहान ने वजीरगंज थाने से सटे मां दुर्गा मंदिर पर पूरी कराई। मंदिर के पुजारी अजय कुमार ने विधि-विधान से शादी संपन्न कराई। खास बात यह रही कि शादी में एक रूपया भी दहेज नहीं लिया गया।
जिले के ढोढ़िया पारा निवासी भगवान दत्त के बेटे मोनू की शादी काफी पहले पड़ोसी गांव सहिबापुर निवासी स्व नाथूराम चौहान की बेटी रेशमी चौहान से तय थी। भगवान दत्त के करीबी अचलपुर गांव निवासी राजगीर बहादुर चौहान ने यह शादी तय कराई थी। शादी की तिथि 27 अप्रैल को तय थी।
कोरोना काल में दोनों परिवारों को लगा कि शादी की तिथि बदलनी पड़ेगी। इस बीच राजगीर बहादुर चौहान ने पहल की तो धुन के पक्के भगवान दत्त ने तय किया कि शादी तय तिथि पर ही होगी। राजगीर बहादुर चौहान ने कहा कि शादी की रस्म वह वजीरगंज थाने के पास स्थित मां दुर्गा मंदिर पर संपन्न कराएंगे। उनकी यह इच्छा सोमवार शाम को पूरी हुई।
भगवानदत्त बतौर बाराती अपने बेटे मोनू के साथ सोमवार शाम मां दुर्गा मंदिर पहुंचे। यहां रेशमी अपनी मां कृष्णावती और भाई सुनील के साथ पहले ही पहुंच गई थी। राजगीर बहादुर चौहान ने दुर्गा मंदिर के पुजारी अजय कुमार को दोपहर में ही बुला लिया था। यज्ञ कुंड तैयार था। थाल में पूजा की सामग्री सजा दी गई थी।
शाम को विधि-विधान से शादी की रस्म पूरी कराई गई। मोनू और रेशमी ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई और जनम-जनम के बंधन में बंध गए। इसके बाद राजगीर बहादुर ने सभी को मिठाई खिलाकर पानी पिलाया और फिर दुल्हन की ससुराल के लिए विदाई हुई।
इस अनोखी शादी का सुखद पहलू यह भी है कि वर पक्ष ने एक रुपये भी दहेज के रुप में नहीं लिया। लड़की पक्ष के लोगों ने नेग भी देना चाहा तो यह कहकर मना कर दिया कि इस शादी में कुछ भी न लेने का उन्होंने मन बना लिया है।
सहिबापुर निवासी स्व0 नाथूराम की बेटी रेशमी अपनी शादी पुलिस की निगरानी में करना चाहती थी। वह प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार तिवारी से मिली और आपबीती सुनाई। प्रभारी निरीक्षक संतोष तिवारी ने थाने के पास स्थित मां दुर्गा मंदिर में शादी की अनुमति दे दी।

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