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जनता से रिश्ता वेब डेस्क अगर आप भी नौकरी पेशा है तो यह खबर आपके काम की है. आप भी यदि 1 जुलाई से नया श्रम कानून लागू होने का इंतजार कर रहे हैं तो इस पर सरकार की तरफ से नया अपडेट आया है. नए वेज कोड के तहत सरकार का प्लान देशभर में हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी और 4 दिन काम करने का कानून लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा भी इसके तहत कई बदलाव किए जाने हैं.
नियमों को उचित समय पर लागू किया जाएगा
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने नए कानून पर अपडेट देते हुए शुक्रवार को कहा कि करीब-करीब सभी राज्यों ने चार श्रम संहिताओं पर नियमों का मसौदा तैयार कर लिया है. उन्होंने बताया कि नए नियमों को उचित समय पर लागू किया जाएगा. ऐसी अटकलें थीं कि श्रम संहिताएं जल्द लागू की जा सकती हैं क्योंकि ज्यादातर राज्यों ने इसको लेकर मसौदा तैयार कर लिया है.
राजस्थान की तरफ से दो संहिताओं पर काम बाकी
यादव ने कहा, 'लगभग सभी राज्यों ने चार श्रम संहिताओं पर मसौदा नियम तैयार कर लिए हैं. हम इन संहिताओं को उचित समय पर लागू करेंगे.' उन्होंने कहा कि कुछ राज्य मसौदा नियमों पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान ने दो संहिताओं पर मसौदा नियम तैयार कर लिए जबकि दो पर अभी बाकी है.
पश्चिम बंगाल में अंतिम रूप में चल रही प्रक्रिया
इसी तरह उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में इन्हें अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है, जबकि मेघालय समेत पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों ने चारों संहिताओं पर मसौदा नियम तैयार करने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है. साल 2019 और 2020 में, 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में मिलाया गया था और इन्हें युक्तिसंगत तथा सरल बनाया गया था.
बेसिक सैलरी सीटीसी का 50 प्रतिशत होगी
गौरतलब है कि नए लेबर कोड में हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी और 4 दिन काम करने का प्रावधान है. नए वेज कोड लागू होने पर कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी घट जाएगी. मौजूदा स्ट्रक्चर में कर्मचारी की सैलरी में बेसिक सैलरी (Basic Salary) 30 से 40 प्रतिशत तक होती है. इसके अलावा स्पेशल अलाउंस, एचआरए, पीएफ आदि होता है. लेकिन नए स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी सीटीसी का 50 प्रतिशत होगी. हफ्ते में 4 दिन काम और तीन दिन की छुट्टी का नियम लागू होने से कंपनियों में प्रतिदिन काम करने के घंटे बढ़ जाएंगे. इस कानून के लागू होने पर हर दिन 12-12 घंटे काम करना होगा. इसके तहत हर हफ्ते 48 घंटे काम करना जरूरी है. चार दिन की वर्किंग में रोजाना 12 घंटे काम करने का प्रावधान है.
Teja
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