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पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन और पाकिस्तान दोनों को बिना नाम लिए चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने भारत पर बुरी नजर डालने की कोशिश की तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा कि हमारे बहादुर जवान सीमाओं की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। साथ ही देश किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम है।
बिना नाम लिए चीन और पाकिस्तान को दी चेतावनी
एक वर्चुअल इवेंट में अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने चीन और पाकिस्तान को ये चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हमारा देश एक शांतिप्रिय देश है। हमने किसी भी देश को चोट पहुंचाने की कोशिश नहीं की, लेकिन अगर देश में शांति और सद्भाव को भंग करने या खतरे में डालने का कोई प्रयास कोई भी करेगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने सशस्त्र बलों को मजबूत करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धिता को भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों से लैस करके सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। रक्षा मंत्रालय ने भी उनके बयान को लेकर जानकारी साझा की है।
लोगों से की ये अपील
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नागरिकों से सांप्रदायिकता से परे हटकर राष्ट्रीय गौरव और देशभक्ति के गुणों को आत्मसात करके राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल के जवान क्षेत्र, धर्म, जाति और भाषा की बाधाओं से ऊपर उठकर निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करते हैं। वे देश और लोगों को विभिन्न प्रकार के खतरों से बचाते हैं। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और सैनिकों के आदर्शों और संकल्पों को आगे ले जाए। हमारे देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करे और एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर 'न्यू इंडिया' के निर्माण में अपनी भूमिका निभाए। राजनाथ सिंह ने ये बातें शहीदों को सलाम नामक एक वर्चुअल इवेंट में कहीं। इसका आयोजन "मारुति वीर जवान ट्रस्ट" नामक एक गैर सरकारी संगठन द्वारा किया गया था।
शहीदों के परिवारों का सहयोग राष्ट्रीय जिम्मेदारी
शहीदों के परिवार के सदस्यों के सहयोग को राष्ट्रीय जिम्मेदारी बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त सुरक्षा बलों के जवानों के परिजनों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने परिवार को एक सैनिक की सबसे बड़ी ताकत और सपोर्ट सिस्टम बताते हुए कहा कि सरकार उस सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
देश की तरफ आंख उठाने वाले को करारा जवाब मिलेगाउन्होंने इस बाबत कुछ पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि गृह मंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान 'भारत के वीर' कोष का गठन केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों और अधिकारियों के परिवारों का समर्थन करने के लिए लिए गए प्रमुख फैसलों में से एक था। इसके अलावा, हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट लॉन्च की है, ताकि लोग सशस्त्र बलों के युद्ध हताहत कोष में अधिक योगदान कर सकें।
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