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बाबा रामदेव के बयानों पर वायरल हो रहा यह वीडियो... जब तुलसी के पत्ती से मोबाइल का रैडिएशन हो 'खत्म'
Deepa Sahu
28 May 2021 6:00 PM GMT
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इन दिनों योग गुरु बाबा रामदेव काफी चर्चा में हैं।
इन दिनों योग गुरु बाबा रामदेव काफी चर्चा में हैं। उनके एलोपैथी, डॉक्टर और आईएमए को लेकर दिए गए बयानों के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो है जिसमें रामदेव नया दावा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि तुलसी की पत्ती से मोबाइल की रैडिएशन खत्म हो जाती है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि रामदेव सामने बैठे व्यक्ति को एक हाथ की मुट्ठी बंद करने और दूसरे हाथ में मोबाइल पकड़ने के लिए कह रहे हैं। रामदेव कहने लगते हैं कि एक हाथ में मोबाइल पकड़ने और उसमें से रैडिएशन निकलने के चलते दूसरे हाथ की ताकत कम हो जाती है। रामदेव अपनी उंगली से सामने वाले व्यक्ति की मुट्ठी नीचे दबाने लगते हैं। रामदेव दावा करने लगते हैं कि मोबाइल पर तुलसी की पत्ती लगाने से उससे निकलने वाली रैडिएशन खत्म हो जाती है। रामदेव फिर व्यक्ति के हाथ को पूरे जोर से दबाने लगते हैं। लेकिन हाथ नीचे नहीं जाता। रामदेव कहने लगते हैं कि मोबाइल की रैडिएशन से हाथ की ताकत कम हो जाती है और तुलसी की पत्ती रैडिएशन को रोकने का काम करती है।
After watching this video, science climbed up on Burj Khalifa and jumped from there. pic.twitter.com/LOB3FFzeMs
— Azy (@AzyConTrolI) May 27, 2021
वीडियो में दिख रहा है कि रामदेव का ये प्रयोग देख लोग ताली बजाने लगते हैं। रामदेव कहने लगते हैं, 'रैडिएनश से एनर्जी लेवल पर असर पड़ता है। तुलसी की पत्ती मोबाइल को रैडिएशन फ्री बनाती है।"
रामदेव कहते हैं कि तुलसी खा लेना उससे रैडिएशन का असर नहीं होगा। घर पर तुलसी लगाने से रैडिएशन नहीं आएगी। रामदेव दावा करने लगते हैं कि आपके घर में तुलसी होगी तो रैडिएशन नहीं आएगी। रामदेव कहते हैं कि मैं काफी समय से ये रहस्य लोगों को बताना चाहता था लेकिन आज रहस्य से पर्दा उठाया है।
बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जे ए जयलाल ने शुक्रवार को कहा कि अगर योगगुरू रामदेव कोविड-19 टीकाकरण तथा आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ अपने बयान वापस ले लेते हैं तो संगठन उनके खिलाफ दर्ज पुलिस शिकायतों तथा उन्हें भेजे गये मानहानि के नोटिस को वापस लेने पर विचार करेगा। जयलाल ने कहा कि महामारी और इसके उपचार को लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर निशाना साधकर रामदेव ने दरअसल सरकार पर सवाल खड़े किये।
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