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न्यूज़ क्रेडिट: आज तक
वरना पतियों को होगी जेल
नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. अब हिमंता ने एक कार्यक्रम में महिलाओं के मां बनने की सही उम्र बताई है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को 'सही उम्र' में ही मां बनना चाहिए, क्योंकि ऐसा न होने पर कई सारे मेडिकल कॉम्प्लीकेशंस होते हैं. सरमा ने एक सरकारी समारोह में बोलते हुए कहा कि कम उम्र में शादी और मातृत्व को रोकने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. एजेंसी के मुताबिक असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का बयान राज्य सरकार द्वारा बाल विवाह और कम उम्र में मातृत्व की जांच को लेकर कड़े कानून लाने के साथ ही पॉक्सो अधिनियम को लागू करने के निर्णय को लेकर आय़ा है. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अगले 5-6 महीनों में ऐसे हजारों लोगों (पतियों) को गिरफ्तार किया जाएगा. क्योंकि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है, भले ही वह कानूनी रूप से पति ही क्यों न हो. सरमा ने कहा कि महिला की शादी की कानूनी उम्र 18 साल है और कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कई (लड़कियों से शादी करने वाले पुरुष) को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.
कार्यक्रम के दौरान मातृत्व के बारे में बात करते हुए सरमा ने कहा कि महिलाओं को मां बनने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे जटिलताएं पैदा होती हैं. सीएम ने कहा कि मां बनने की सही उम्र 22 से 30 साल है. उन्होंने कहा कि मां बनने के लिए महिलाओं को बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए जैसा कि अब बहुत सी महिलाएं ऐसा करने लगी हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान ने हमारे शरीर को इस तरह से बनाया है कि हर चीज के लिए एक उपयुक्त उम्र होती है. दरअसल, असम कैबिनेट ने पिछले सोमवार को 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का फैसला लिया है. साथ ही 14-18 साल की उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. सीएम हिमंता ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा था कि राज्य में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर लगाम लगाने के लिए ये फैसला लिया गया है. क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण कारण बाल विवाह है.
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