ऐसे बनता है ग्लेशियर, किन्नौर के युवकों की अनूठी पहल को सलाम
रिकांगपिओ। जलवायु परिवर्तन के कारण समय पर बर्फ न पडऩा और बर्फ की कमी के कारण गर्मियों में सिंचाई के लिए पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पानी की समस्या को कम करने के लिए किन्नौर जिला हांगो गांव के युवाओं ने अनूठी पहल कर पाइप से पानी लाकर उस पानी …
रिकांगपिओ। जलवायु परिवर्तन के कारण समय पर बर्फ न पडऩा और बर्फ की कमी के कारण गर्मियों में सिंचाई के लिए पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पानी की समस्या को कम करने के लिए किन्नौर जिला हांगो गांव के युवाओं ने अनूठी पहल कर पाइप से पानी लाकर उस पानी को नाले में गिरा कर ग्लेशियर बनाने का एक बेहतर तरीका निकाला है। बता दें कि जिला के शीत मरुस्थल क्षेत्र में गर्मियों के दिनों में पानी कि किल्लत रहती है। गर्मियों में लोगों को सिंचाई के लिए खासा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जिला के कई क्षेत्रों में तो ग्रामीणों को सिंचाई के लिए पानी खरीदने व टैंकर से पानी लाने को मजबूर होते हैं। हर साल पानी की समस्या होती है। लोगों को दिन व रात को भी बगीचों व खेतों में पानी लगाना पड़ता है। बावजूद इसके पानी की कमी को पूरा कर पाना मुश्किल है। ऐसे में हांगो के युवाओं की पहल कृत्रिम ग्लेशियर से पानी की कमी को पूरा करने में सार्थक साबित हो सकती है। हांगों के युवाओं ने यह तरीका लद्दाख के भारतीय सिवील इंजीनियर चेवांग नोरफेल के बनाएं कृत्रिम ग्लेशियर को देख कर अपनाया है।