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ये हैं आप और बीजेपी में चल रहे एमसीडी विवाद की मुख्य वजहें

Nilmani Pal
9 Jan 2023 8:25 AM GMT
ये हैं आप और बीजेपी में चल रहे एमसीडी विवाद की मुख्य वजहें
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दिल्ली। एमसीडी में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को लेकर आप और बीजेपी के बीच टकराव कम होता नही दिख रहा है। दोनों के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी विवाद कम होने के बजाय और ज्यादा बढ़ गया है। यह विवाद कब तक चलता रहेगा इसके विषय में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। हो सकता है यह विवाद और भी लंबा चले। आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम में विवाद की मुख्य वजह उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षद, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और हज कमेटी के गठन से दिल्ली की राजनीति पर पड़ने वाला प्रभाव भी है। यही तीन बिंदु एमसीडी नगर निगम के विवाद की मुख्य वजह है।


दिल्ली नगर निगम के लिए एलजी वीके सक्सेना ने 10 पार्षद मनोनीत किए हैं। उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षदों को एल्डरमैन कहा जाता है। इस पर आम आदमी पार्टी का आरोप है कि एलजी ने चुनी हुई सरकार को बाईपास कर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एल्डरमैन बना दिया है। उपराज्यपाल आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए हुए इस आरोप को सिरे से खारिज कर चुके हैं।

एमसीडी विवाद की एक वजह हज कमेटी का गठन भी है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि कमेटी में शामिल कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को चेयरमैन बनाने के लिए हज कमेटी में शामिल किया गया है। ताकि कांग्रेस के पार्षद महापौर चुनाव में सदन में वोट न करें। आप का दावा है कि अभी तक दिल्ली की चुनी हुई सरकार की ओर से प्रस्तावित व्यक्ति हज कमेटी का चेयरमैन बनता था। आम आदमी पार्टी इसे बीजेपी की कांग्रेस के साथ डील बता रही है। बीजेपी ने इस बात का पूरी तरह से खंडन किया है।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि सरकार को बाईपास कर एलजी ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। ऐसा नहीं होना चाहिए। यह पूरी तरह से गलत है। एलजी ने आप के इस आरोप को भी गलत बताया है। दिल्ली नगर निगम मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का चुनाव कराने का मामला एमसीडी विवाद का दूसरा सबसे खास मसला है।

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