बुलंदशहर: बुलंदशहर में एसीजेएम अनूपशहर ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किए आरोपी के परिजनों को सूचना नहीं दिए जाने के मामले में थाना प्रभारी, विवेचक, मुंशी, गिरफ्तार करने वाले दरोगा सहित पूरे थाने को तलब कर लिया। पुलिसकर्मियों द्वारा गलती के लिए न्यायालय में माफी मांगी। सूचना नहीं देने की पोल भी पुलिसकर्मियों के मोबाइल …
बुलंदशहर: बुलंदशहर में एसीजेएम अनूपशहर ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किए आरोपी के परिजनों को सूचना नहीं दिए जाने के मामले में थाना प्रभारी, विवेचक, मुंशी, गिरफ्तार करने वाले दरोगा सहित पूरे थाने को तलब कर लिया। पुलिसकर्मियों द्वारा गलती के लिए न्यायालय में माफी मांगी। सूचना नहीं देने की पोल भी पुलिसकर्मियों के मोबाइल से ही खुली। एडवोकेट बलजीत सिंह सिसोदिया ने बताया कि अहार थाना पुलिस ने अभियुक्त नाजिम की गिरफ्तारी करके न्यायालय के सम्मुख पेश किया। एसीजेएम विनय कुमार (चतुर्थ) ने विवेचक से यह पूछे जाने पर की अभियुक्त के परिवार में किसको सूचना दी गई, इस पर विवेचन मौन हो गए।
गिरफ्तारी के पत्र में अभियुक्त के पिता तथा उसके भाई को सूचना देना बताया गया। परंतु जब न्यायालय ने मोबाइल डिटेल विवेचक से दिखाने को कहा, तो विवेचक ने बताया कि थाने में मुंशी ने सूचना दी है। न्यायालय द्वारा इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल मुंशी को तलब किया। जब मुंशी का मोबाइल देखा गया तो उसमें मात्र एक बार ही डायल नंबर पाया गया, जिस पर कोई भी सैकेंड या मिनट अंकित नहीं था।
इसकी पूछताछ पर मुंशी ने अपनी गलती मानी और बात बदलते हुए कहा कि हमारे द्वारा अभियुक्त के भाई को सूचना दी गई। संबंधित थाने के इस रवैया पर तुरंत गिरफ्तारी करने वाले उपनिरीक्षक, मौजूदा थाना प्रभारी, विवेचक और थाने के मुंशी को तलब करते हुए दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी। न्यायालय में थाना के पुलिसकर्मी उपस्थित हुए और अपने इस कृत्य के लिए लिखित क्षमा याचना की। इस आधार पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त की जमानत स्वीकार की गई।
पुलिस की इस तरह की करतूत पहली बार सामने नहीं आई है। कई बार पुलिस ऐसी करतूतें करती रहती है। जिन लोगों के परिजन थोड़ा जागरूक होते हैं तो मामला न्यायालय में पकड़ लिया जाता है। ज्यादातर मामलों में पकड़े गए लोग पुलिस के जाल में फंस ही जाते हैं।