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सुशांत सिंह राजपूत केस में सबसे बड़ी खबर, AIIMS ने रिपोर्ट में कही ये बात

jantaserishta.com
3 Oct 2020 6:49 AM GMT
सुशांत सिंह राजपूत केस में सबसे बड़ी खबर, AIIMS ने रिपोर्ट में कही ये बात
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फाइल फोटो 

सुशांत सिंह राजपूत को इस दुनिया से गए तीन महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है. हालांकि कुछ बुनियादी सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब अब तक मिलने बाकी हैं. क्या सुशांत ने सुसाइड किया था या उनकी हत्या हुई थी? यदि हत्या हुई थी तो किसने की और यदि सुसाइड किया था तो वजह क्या थी? क्या उन्हें किसी ने आत्महत्या के लिए उकसाया था? देश की तीन सबसे बड़ी जांच एजेंसियां इन्हीं सवालों के जवाब तलाश रही हैं और अब इनमें से एक सवाल का जवाब सामने आ गया है.

सुशांत सिंह रापजूत ने किया था सुसाइड

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट में हत्या की बात को खारिज किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन हालातों में मौत हुई है वो बताती है कि इसमें किसी किस्म का फाउल प्ले नहीं है और ये आत्महत्या का मामला है. AIIMS मेडिकल बोर्ड ने सोमवार को सीबीआई के साथ अपनी जांच रिपोर्ट कूपर अस्पताल द्वारा निकाले गए निष्कर्षों के साथ शेयर की थी.

AIIMS की रिपोर्ट मिलने के बाद अब सीबीआई इस मामले की जांच सुसाइड एंगल को ध्यान में रखते हुए करेगा. यानी अब आगे की तफ्तीश में इस सवाल का जवाब ढूंढा जाएगा कि अगर सुशांत ने आत्महत्या की थी तो उसकी वजह क्या थी? क्या किसी ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया था?

एक लैपटॉप, हार्ड डिस्क, कैनन कैमरा और दो मोबाइल फोन सीज किए गए थे जिनकी जांच अभी चल रही है. अब तक की पड़ताल की बात करें तो सीबीआई कुल 20 से ज्यादा लोगों से इस मामले में पूछताछ कर चुकी है जो इस मामले में आरोपी थे. जांच में अभी सभी आयाम पूर्णतः खुले हुए हैं.

जानकारी के मुताबिक यदि अभी भी कोई ऐसा पहलू सामने आता है जिसमें हत्या का एंगल नजर आता है तो इसमें आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाएगी जो इरादतन हत्या के लिए लगाई जाती है. हालांकि पिछले 57 दिनों की तफ्तीश में इस तरह का कोई भी तथ्य नजर नहीं आया है जो ये इशारा करता हो कि एक्टर की हत्या हुई थी.

फॉरेंसिक रिपोर्ट फाइनल, अब CBI करेगी अपना काम

सुशांत सिंह राजपूत की बॉडी 14 जून को उनके मुंबई स्थित घर में कथित तौर पर पंखे से लटकती पाई गई थी. फॉरेंसिक रिपोर्ट ने अपना काम कर दिया है अब ये जांच एजेंसी की जिम्मेदारी है कि इस केस को किसी लॉजिकल नतीजे तक लेकर जाया जाए.

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