Top News

मालदीव ने अपने पैरों पर मार ली कुल्हाड़ी…चीन ने उकसाया? दोस्ती में किसका कितना फायदा

8 Jan 2024 7:12 AM GMT
मालदीव ने अपने पैरों पर मार ली कुल्हाड़ी…चीन ने उकसाया? दोस्ती में किसका कितना फायदा
x

नई दिल्ली: मालदीव के युवा महिला मंत्री का भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में आपत्तिजनक बयान राष्ट्रपति मुइज्जू के गले की फांस बन गया है। हालांकि मोहम्मद मुइज्जू ने इस पूरे विवाद से खुद को किनारा करते हुए दोषी मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया और खुद चीन के दौरे पर निकल गए। मुइज्जू अपने …

नई दिल्ली: मालदीव के युवा महिला मंत्री का भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में आपत्तिजनक बयान राष्ट्रपति मुइज्जू के गले की फांस बन गया है। हालांकि मोहम्मद मुइज्जू ने इस पूरे विवाद से खुद को किनारा करते हुए दोषी मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया और खुद चीन के दौरे पर निकल गए। मुइज्जू अपने आका और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने पहुंचे थे। मुइज्जू से मुलाकात के बाद चीन ने भारत और उसके तनाव का फायदा उठाने की कोशिश की है। उसने अपने मुखपत्र में कहा है कि मालदीव और उसका रिश्ता बराबर का है और वह मालदीव और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों का भी सम्मान करता है। नई दिल्ली को खुले दिमाग से सोचने की जरूरत है, उसने कभी भी मालदीव को भारत से दूर रहने को नहीं कहा।

चीन के सरकारी मीडिया ने एक संपादकीय में माले के साथ नई दिल्ली के राजनयिक विवाद का जिक्र किया है। चीनी मीडिया का भारत को लेकर बयान ऐसे वक्त में आया है जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मिलने और द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए बीजिंग पहुंचे थे। इससे पहले के घटनाक्रमों पर नजर डालें तो मालदीव सरकार ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर अपने तीन मंत्रियों की "अपमानजनक" टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया था और फिर उन्हें निलंबित कर दिया था।

मालदीव और भारत के बीच रिश्तों में कड़वाहट का चीन फायदा उठा रहा है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में कहा गया है कि उसने हमेशा मालदीव को एक समान भागीदार माना है और उसकी संप्रभुता का सम्मान किया है। “वह मालदीव और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों का भी सम्मान करता है, माले के साथ नई दिल्ली के अच्छे संबंध बनाए रखने के महत्व से पूरी तरह वाकिफ है।” बीजिंग ने कभी भी माले से भारत को अस्वीकार करने के लिए नहीं कहा और न ही वह मालदीव और भारत के बीच सहयोग को अपने खतरे के रूप में देखता है।

चीन अपने अखबार में लिखता है, "वह (चीन) भारत और मालदीव के साथ त्रिपक्षीय सहयोग करने की भी इच्छा रखता है। नई दिल्ली को अधिक खुले दिमाग से सोचने की जरुरत है, क्योंकि भारत को लगता है कि दक्षिण एशियाई में उसका ही प्रभाव बना रहे। वह चाहता है कि मालदीव उसके हिसाब से चले और चीन से दूर होता जाए। जबकि, उसे यह भी सोचना चाहिए कि दक्षिण एशियाई देशों में चीन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

बता दें कि चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। सत्ता संभालते ही उन्होंने भारतीय सेना को अपने देश से बाहर भेजने के लिए कार्रवाई शुरू की है। चुनाव प्रचार के दौरान भी मुइज्जू ने कसम खाई थी कि जब वे सरकार में होंगे तो सबसे पहला काम भारतीय सैनिकों को देश से बाहर करेंगे।

    Next Story