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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अस्पताल पुलिस थाने नहीं हैं
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अस्पताल पुलिस थाने नहीं हैं और वह देश के सभी अस्पतालों के हर वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश नहीं दे सकता क्योंकि इसमें निजता के मुद्दे भी शामिल हैं. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एंड एक्शन कमेटी द्वारा दाखिल एक याचिका को खारिज कर दिया और उसे बेहतर एवं विशिष्ट अनुरोधों के साथ फिर से आने के लिए कहा.
पीठ ने कहा, अस्पताल पुलिस थाने नहीं हैं. हम पूरे देश के अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश नहीं दे सकते. निजता के मुद्दे हो सकते हैं. मान लीजिए किसी महिला का ऑपरेशन किया जा रहा है या किसी अन्य मरीज का ऑपरेशन किया जा रहा है. ऐसा नहीं किया जा सकता है. इसमें एक मरीज की निजता का मुद्दा भी शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर विचार करने के बाद कहा, आप लोगों के साथ समस्या यह है कि जब आप अनुच्छेद 32 के तहत इस अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं, तो आप हर तरह का अनुरोध करने की कोशिश करते हैं.
देखिए, आपने मांग की है कि पूरे देश के डॉक्टरों को निर्देश जारी किए जाएं कि वे अंग्रेजी के अलावा स्थानीय भाषा में नुस्खे लिखें. क्या यह संभव है? मान लीजिए डॉक्टर को स्थानीय भाषा या अंग्रेजी नहीं आती तो क्या होगा
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