Top News

ईंधन सेल का सफल परीक्षण, इसरो ने फिर गाड़ा सफलता का झंडा, क्या फायदा होगा?

5 Jan 2024 3:09 AM GMT
ईंधन सेल का सफल परीक्षण, इसरो ने फिर गाड़ा सफलता का झंडा, क्या फायदा होगा?
x

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद एक और कारनामा कर दिखाया है। इसरो ने ईंधन सेल का सफल ट्रायल किया है। इससे भविष्य में अंतरिक्ष से जुड़े अभियानों को लेकर प्रणालियों के डिजाइन के लिए आंकड़ें एकत्रित करने में मदद मिलेगी। बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि …

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद एक और कारनामा कर दिखाया है। इसरो ने ईंधन सेल का सफल ट्रायल किया है। इससे भविष्य में अंतरिक्ष से जुड़े अभियानों को लेकर प्रणालियों के डिजाइन के लिए आंकड़ें एकत्रित करने में मदद मिलेगी। बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि केवल पानी का उत्सर्जन करने वाली ये ईंधन सेल अंतरिक्ष में बिजली उत्पादन का भविष्य हैं। इससे निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में स्पेस कैंपेन को बढ़ावा मिलेगा।

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने अपने कक्षीय प्लेटफॉर्म पोअम 3 में 100 वॉट वर्ग की पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेमब्रेन फ्यूल सेल आधारित पावर सिस्टम का सफल ट्रायल किया। पोअम 3 का पीएसएलवी-सी58 से 1 जनवरी को प्रक्षेपण किया गया था। इसरो ने एक बयान में कहा, 'इस प्रयोग का उद्देश्य अंतरिक्ष में पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट मेमब्रेन फ्यूल सेल के संचालन का आकलन करना है। साथ ही भविष्य के अभियानों के लिए प्रणालियों के डिजाइन की सुविधा के लिए आंकड़ें एकत्रित करने हैं।' पोअम (पीएसएलवी कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल) में छोटी अवधि के परीक्षण के दौरान उच्च दाब वाले कंटेनर में रखी हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस से 180 वॉट ऊर्जा उत्पन्न की गई।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, 'इसने विभिन्न स्थैतिक और गतिशील प्रणालियों के प्रदर्शन पर प्रचुर मात्रा में डेटा मुहैया कराया जो बिजली प्रणाली और भौतिकी का हिस्सा थे।' हाइड्रोजन ईंधन सेल शुद्ध जल और ऊष्मा के साथ ही सीधे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस से बिजली उत्पन्न करते हैं। ईंधन सेल को आज इस्तेमाल होने वाले विभिन्न प्रकार के वाहनों में इंजन के स्थान पर सबसे उचित विकल्प माना जाता है। इसरो ने कहा कि ईंधन सेल अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक आदर्श ऊर्जा स्रोत है, क्योंकि यह बिजली और शुद्ध जल दोनों उपलब्ध कराता है। इससे आने वाले दिनों में स्पेस से जुड़े प्रोजेक्ट को और भी बेहतर तरीके से डेवलप किया जा सकेगा।

    Next Story