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कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से ऑनलाइन कोर्सेज की डिमांड बढ़ गई है. इसी को देखते हुए
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से ऑनलाइन कोर्सेज की डिमांड बढ़ गई है. इसी को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 900 स्वायत कॉलेजों (Autonomous Colleges) को ऑनलाइन डिग्री कोर्स शुरू करने की अनुमति दी है. आयोग की तरफ से यह फैसला राष्ट्रीय शैक्षिक नीति, एनईपी 2020 के तहत लिया गया है.
आयोग के इस फैसले से छात्र अब दूरस्थ शिक्षा ऑनलाइन ले सकेंगे. जानकारी के मुताबिक जिन कॉलेजों में ऑनलाइन कोर्सेज को शुरू करने का फैसला लिया गया है, वो नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework, NIRF) की रैंकिंग में दो बार अपने संबंधित विषय में टॉप 100 रैंक हासिल कर चुके हैं.
आपको बता दें कि अभी तक सिर्फ विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन कोर्स (Online Course) शुरू करने की अनुमति दी गई थी. लेकिन अब कॉलेजों को भी इसकी अनुमति दे दी गई है. आयोग का मानना है कि इस फैसले से डिजिटल एजुकेशन मिशन को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, ऑनलाइन कोर्सेज शुरू करने वाले कॉलेजों को यूजीसी की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों को मानना पड़ेगा.
बता दें कि कोरोना फैलने के कारण पिछले तीन साल से स्कूल-कॉलेजों में कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं. साथ ही परीक्षाएं भी ऑनलाइन आयोजित की जा रही हैं. नई शिक्षा नीति के आधार पर, 2035 तक देश भर में उच्च शिक्षा में छात्रों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए नई प्रथा को देश भर में लागू किया जाना है.
ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम सीखने के तरीके के अलावा कई पहलुओं में पारंपरिक डिग्री प्रोग्राम से काफी अलग होंगे. दूरस्थ पाठ्यक्रम अधिक लचीले होंगे और इसमें बहुत सारे विकल्प होंगे. यूजीसी द्वारा मार्च, 2022 में डिटेल साझा करने की उम्मीद है. ऑनलाइन अंडर ग्रेजुएशन कोर्स में शामिल होने के लिए, बारहवीं कक्षा पास होना आवश्यक है और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में शामिल होने के लिए स्नातक पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होना आवश्यक है.
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