असल में अखिलेश यादव ने पिछले दिनों ही आजमगढ़ के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है और वह मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक बने है. लिहाजा माना जा रहा है कि अखिलेश बीजेपी सरकार को टक्कर देने विधायक दल का नेता बन सकते हैं. हालांकि ये भी चर्चा है कि वह किसी अन्य नेता को इस पद पर नियुक्त कर राज्य में संगठन को मजबूत करने के लिए सक्रिय हो सकते हैं. असल में राज्य में बीजेपी सरकार बन जाने के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगठित रखना एसपी मुखिया के सामने बड़ी चुनौती है. वहीं इस बार चुनाव में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया और वह 125 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही है.
फिलहाल लोकसभा से सांसद के पद से इस्तीफा देने के बाद अखिलेश ने यूपी में रहकर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने का फैसला किया है. हालांकि आज ये तय हो जाएगा कि वह नेता विधायक दल बनते हैं या फिर किसी अन्य नेता को इस पर नियुक्त करते हैं. लेकिन इतना तय है कि अखिलेश यादव राज्य में सक्रिय होकर अगले पांच साल तक राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. वहीं अखिलेश यादव ने अब 2027 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रणनीति में बदलाव किया है.