भारत

उदयपुर के ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ पहुँचे श्री देवनानी, महज पर्यटन स्थल ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय गौरव

4 Jan 2024 3:01 AM GMT
उदयपुर के ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ पहुँचे श्री देवनानी, महज पर्यटन स्थल ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय गौरव
x

जयपुर । राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी गुरूवार को प्रात: उदयपुर के ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ पहुँचे। श्री देवनानी ने वीरता, पराक्रम, त्याग और देश भक्ति के प्रतीक महान योद्धा महाराणा प्रताप के स्मारक को नमन कर श्रद्धा से पुष्पांजलि अर्पित की। श्री देवनानी ने कहा कि ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ महज पर्यटन स्थल ही नहीं …

जयपुर । राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी गुरूवार को प्रात: उदयपुर के ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ पहुँचे। श्री देवनानी ने वीरता, पराक्रम, त्याग और देश भक्ति के प्रतीक महान योद्धा महाराणा प्रताप के स्मारक को नमन कर श्रद्धा से पुष्पांजलि अर्पित की। श्री देवनानी ने कहा कि ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ महज पर्यटन स्थल ही नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय गौरव और राष्ट्रीय चेतना का अनूठा केन्द्र भी है।

श्री देवनानी ने कहा कि पर्यटन स्थल के रूप में प्रदेश और देश में इस केन्द्र ने राष्ट्रीय पर्यटन नक्शे में स्थान बनाया है। यह गौरव केन्द्र हमारे लिए तीर्थ स्थल भी है। वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप राष्ट्र के लिए प्रात: स्मरणीय है। राष्ट्र के लिए गौरव है। भारतीय मानव जीवन के आदर्श महाराणा प्रताप के जीवन से युवाओं को देश भक्ति और त्याग का पाठ सीखना चाहिए। श्री देवनानी डूंगरपुर, बांसवाडा और उदयपुर यात्रा पर है। उदयपुर यात्रा के दौरान गुरूवार को प्रात वे प्रताप गौरव केन्द्र पहुँचे और महाराणा प्रताप का स्मरण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने अपने शिक्षा मंत्री काल के दौरान प्रदेश के विद्यालय शिक्षा में अकबर महान के अध्याय को हटवाकर प्रताप महान का नया अध्याय शामिल कराया था। उनके इस प्रभावशाली कदम और चुनौतीपूर्ण पहल से देश और प्रदेश के इतिहास में महाराणा प्रताप को गौरवशाली स्थान मिला।

उल्लेखनीय है कि श्री वासुदेव देवनानी की इस ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ के निर्माण और इसकी परिकल्पना में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। श्री देवनानी वीर शिरोमणी प्रताप समिति के प्रथम अध्यक्ष रहे है। वर्तमान में ‘प्रताप गौरव केन्द्र’ समिति की कार्यकारिणी के सदस्य है। श्री देवनानी की अध्यक्षता में बनी समिति की दूरगामी सोच की परिकल्पना के अनुरूप ही यहां प्रताप स्मारक स्थल का निर्माण किया गया और इसके संचालन के लिए प्रताप गौरव केन्द्र समिति का गठन किया गया।

नोट – खबरो के अपडेट के लिए जनता से रिश्ते पर बने रहें।

    Next Story